प्रतिनिधि, जदिया
युवा वर्ग हो रहा बर्बादी की कगार पर
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि नशे के आदि युवक अपने परिवार को भूखे मरने की स्थिति में छोड़ जाते हैं, जिससे उनके मासूम बच्चों को कम उम्र में ही मजदूरी करनी पड़ती है. यह एक सामाजिक विडंबना है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. मानसिक असंतुलन और आपराधिक प्रवृत्ति में भी नशे के प्रभाव को देखा जा रहा है. चोरी, लूटपाट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें अधिकतर युवक शामिल पाए जा रहे हैं.प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी, सप्लाई चेन तोड़ने की जरूरत
नशा मुक्ति अभियान को चाहिए स्थायित्व
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि नशा मुक्ति अभियान केवल औपचारिकता न बनकर, एक निरंतर प्रक्रिया होनी चाहिए. स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ कार्यशालाएं, रैली, पोस्टर अभियान और काउंसलिंग जैसे ठोस कदम उठाए जाएं.लगातार की जा रही छापामारी : एसपी
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