करंट की चपेट में आए 5 मजदूर
घटना शुक्रवार शाम करीब 7 बजे की बताई जा रही है. एग्रीकल्चर फीडर के तहत हाईटेंशन तार के रीकंडक्टिंग का काम चल रहा था. सेंसर ने 11 केवीए तार के ऊंचीकरण के लिए शटडाउन लिया गया था, जिसके बाद मजदूरों ने नए तार लगाए. ऊंचीकरण का काम समाप्त होने के बाद शटडाउन बहाल कर दिया गया, जबकि बताया जा रहा है कि नए हाईटेंशन तार को पुराने तार से जोड़ने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई थी. जैसे ही बिजली आपूर्ति बहाल की गई, पुराने हाईटेंशन तार की नई वायरिंग से अचानक गलती से संपर्क हो गया. इसके परिणामस्वरूप पांच मजदूर करंट की चपेट में आ गए. जब तक बिजली आपूर्ति रोकी जाती, तब तक दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बुरी तरह झुलस गए.
3 मजदूरों की हालत गंभीर
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन एक्टिव हो गया. मौके पर दो एंबुलेंस भेजी गईं, और कार्य एजेंसी के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. स्थानीय लोगों की मदद से झुलसे मजदूरों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. मामले को लेकर सुपौल बिजली विभाग के एग्जक्यूटिव इंजीनियर सौरव कुमार ने कहा कि दिन में ही एजेंसी द्वारा काम खत्म कर शटडाउन वापस कर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई थी. अब देर शाम तक मजदूर वहां क्या कर रहे थे, वो जांच का विषय है. मैंने एजेंसी से भी कारण जानने की कोशिश की, लेकिन उसके पास भी कोई जवाब नही था.
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