पहले से दी गई थी चेतावनी
नगर पंचायत के पदाधिकारी शशिकांत की अगुवाई में चली इस कार्रवाई में कुछ दुकानदारों ने विरोध भी किया और टीम के सदस्यों से बहस हुई लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर टिका रहा और बलपूर्वक अतिक्रमण को हटाया गया. प्रशासन का कहना है कि इन दुकानदारों को पहले ही लिखित चेतावनी दी गई थी और खुद से अतिक्रमण हटाने के लिए एक हफ्ते का समय भी दिया गया था.
प्रशासन ने मजबूरी में उठाया कठोर कदम
उस समय दुकानदारों ने खुद ही कब्जा हटाने की बात मानी थी, लेकिन कुछ समय बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर नगर प्रशासन को मजबूरन कड़ा कदम उठाना पड़ा. यह कार्रवाई जिलाधिकारी सावन कुमार के निर्देश पर पूरे जिला में चलाया जा रहा है. नगर पंचायत की ओर से बताया गया कि बाजार और सड़कों पर फैले अतिक्रमण के कारण न केवल यातायात में परेशानी हो रहा था, बल्कि पैदल चलने वालों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
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EO ने क्या कहा ?
ईओ शशिकांत ने कहा कि अब नगर पंचायत सख्त मूड में है और नाली, सड़क या किसी भी सार्वजनिक जगह पर अतिक्रमण नहीं रहने दिया जाएगा. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अन्य दुकानदारों और अतिक्रमणकारियों में भी हलचल है. कई लोगों ने खुद ही अपना सामान हटाना शुरू कर दिया है. अधिकारियों का साफ कहना है कि शहर को साफ-सुथरा और सुगम बनाना ही प्राथमिकता है, और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
मृणाल कुमार की रिपोर्ट