कटैया-निर्मली. पिपरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत निर्मली एवं जोल्हनिया में बुधवार को सतगुरु कबीर साहब की 629वीं जयंती बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनायी गयी. इस मौके पर कबीर पंथी साधु-संतों और श्रद्धालुओं की भारी भागीदारी देखी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत निर्मली पंचायत की महिला सत्संग समिति द्वारा निकाले गए प्रभात फेरी और झांकी से हुई, जो निर्मली गांव से होते हुए पथरा उत्तर पंचायत के कैलाशपुरी जोल्हनिया गांव तक पहुंची और अंततः राजपुर स्थित महंत रामजतन साहेब के कबीर कुटी पर समाप्त हुई. गाजे-बाजे और भक्ति गीतों के साथ निकाले गए जुलूस में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. जगह-जगह कबीर साहब के आदर्शों और उपदेशों को लेकर सद्गुरु कबीर ने धर्म को बचाया, अंधविश्वास का खंडन किया जैसे नारे लगाए गए, जिससे क्षेत्र का माहौल भक्ति और समाज सुधार के संदेश से भर गया. आश्रम में सत्संग व बीजक पाठ का आयोजन जोल्हनिया स्थित महंत गरीब साहब और लखन साहेब के आश्रम में कबीर जयंती के अवसर पर बीजक पाठ, भजन और सत्संग का आयोजन हुआ. साथ ही, समता ज्ञान आश्रम में 46 वां वार्षिक अधिवेशन भी मनाया गया, जहां महंत गरीब दास बाबा की स्मृति में संतों और विचारकों ने संत कबीर के जीवन दर्शन और विचारों को विस्तार से रखा. प्रमुख प्रवचनकर्ता महंत राम साहब ने कहा कि संत कबीर दास आजीवन समाज में फैले अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे. उन्होंने कहा “तन को जोगी सब करें, मन को बिरला कोई, सब सिद्धी सहेजें पाइए, जे मन जोगी होइ” उन्होंने समझाया कि केवल भगवा वस्त्र पहनने से कोई साधक नहीं बनता, बल्कि मन को योगी बनाना ही असली साधना है. इस अवसर गरीब साहब, राजेंद्र दास, नथुनी दास, बलराम दास, साध्वी राजो, साध्वी विमला, साध्वी मीणा, रघुनी साहब समेत अनेक साधु-संतों और कबीर विचारकों ने कबीर दर्शन, आदि मौजूद थे. सत्संग और प्रवचन के बाद महिला सत्संग समिति द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें कई सौ श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.
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