राघोपुर. राघोपुर स्थित रेफरल अस्पताल का शुक्रवार को जिलाधिकारी सावन कुमार ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में फैली अव्यवस्था और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर होने पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. करीब 20 मिनट तक चले इस निरीक्षण में डीएम ने अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण कक्ष, ओपीडी, प्रसव कक्ष, शौचालय और सफाई व्यवस्था का गहनता से जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान जब उनकी नजर ड्यूटी रोस्टर पर पड़ी. डीएम ने अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक को फटकार लगाते हुए निर्देश दिया कि भविष्य में ड्यूटी रोस्टर हर समय अस्पताल परिसर में चस्पा रहना चाहिए, ताकि चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति पारदर्शी रूप से सुनिश्चित हो सके. निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने अस्पताल में मौजूद मरीजों से बातचीत की और इलाज की गुणवत्ता, दवाइयों की उपलब्धता और अन्य सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने स्पष्ट कहा कि मरीजों को सभी जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं समय पर और बिना किसी भेदभाव के मिलनी चाहिए. निरीक्षण के दौरान कई स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी से नदारद पाए गए, जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया. डीएम ने सख्त लहजे में कहा कि भविष्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अस्पताल की कार्यप्रणाली पर नियमित निगरानी रखी जाएगी. डीएम की इस सख्त कार्रवाई की स्थानीय ग्रामीणों ने सराहना की. ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि इस तरह समय-समय पर होने वाले निरीक्षणों से अस्पताल की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार आएगा. इसी दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग भी रखी. उनका कहना है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ के अभाव में मामूली चोट या फ्रैक्चर के लिए भी उन्हें निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ता है, जिससे आर्थिक शोषण हो रहा है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा तो है, लेकिन प्लास्टर की सुविधा नहीं होने से उपचार अधूरा रह जाता है.
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