-अल्पवर्षा से उत्पन्न संकट पर सिंचाई विभाग की किसान संवाद बैठक सम्पन्न राघोपुर. सिंचाई प्रमंडल राघोपुर द्वारा शनिवार को आईबी परिसर में एक अहम किसान संवाद बैठक का आयोजन किया गया. यह बैठक इस वर्ष जून-जुलाई में हुई भारी वर्षा की कमी और उससे उत्पन्न सुखाड़ जैसी स्थिति में खरीफ फसलों की सिंचाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बुलाई गई थी. बैठक की अध्यक्षता कर रहे राघोपुर सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार ने कहा कि किसान संवाद के माध्यम से किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं को सीधे सुना गया और उसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाकर शीघ्र समाधान का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने आश्वस्त किया कि नहरों में पानी को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए विभाग संकल्पित है. बैठक में जल संसाधन विभाग, सिंचाई विभाग के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और सुपौल-मधेपुरा-सहरसा जिलों के दर्जनों किसान शामिल हुए. बैठक में अधिकारियों ने कोशी नदी की ऐतिहासिक और सामाजिक भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि नेपाल से निकलने वाली यह नदी उत्तर बिहार की जीवनरेखा रही है. अतीत में बाढ़ और तबाही के कारण इसे ””बिहार का शोक”” कहा जाता था. 1960 के दशक में कोशी बराज और तटबंध बनाए गए, जिसके बाद पूर्वी और पश्चिमी कोशी नहर प्रणाली की शुरुआत हुई. राघोपुर सिंचाई प्रमंडल पूर्वी कोशी नहर प्रणाली के अंतर्गत कार्य करता है, जो तीन जिलों सुपौल, मधेपुरा और सहरसा की कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान करता है. बैठक में जल संसाधन विभाग (पटना) के कार्यपालक अभियंता नवीन कुमार, राघोपुर अवर प्रमंडल के पदाधिकारी सौरव कुमार, पिपरा अवर प्रमंडल के अधिकारी धर्मेंद्र कुमार, फिंगलास पंचायत के मुखिया प्रकाश यादव समेत सुपौल व मधेपुरा के दर्जनों किसान उपस्थित थे.
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