देश के सबसे लंबे पुल का हिस्सा गिरने से कांपने लगी धरती, भूकंप के डर से लोग घरों से आ गए थे बाहर

निर्माणाधीन बकौर-भेजा पुल के सिगमेंट गिरने से शुक्रवार को हर तरफ अफरा तफरी मच गई थी. इस हादसे में 20 मजदूर घायल हो गए. वहीं दस मजदूर मलबे में दबने से घायल हो गए. इस पुल का निर्माण 1200 करोड़ की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत कराया जा रहा है.

By Anand Shekhar | March 22, 2024 8:12 PM
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राजीव झा, सुपौल. 1200 करोड़ की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत कोसी नदी पर निर्माणाधीन पुल का सिगमेंट अचानक धराशायी हो गया. इस घटना में पुल निर्माण में लगे 10 मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हो गये. जबकि एक मजदूर की मौत हो गयी. पुल के सिगमेंट के धराशायी होते ही धरती में इतनी कंपन पैदा हो गयी कि आसपास के लोगों को लगा कि भूकंप आ गया है. लोग अपने-अपने घरों से बाहर भागने लगे.

इसी बीच पुल निर्माण स्थल से मजदूरों की चीखने- चिल्लाने की आवाज सुनाई दी. लोग किसी अनहोनी की संभावना का अंदेशा लगाते कार्य स्थल की ओर दौड़ पड़े. जहां लोगों ने देखा कि कई मजदूर चोट की वजह से बालू की रेत पर कराह रहे हैं. इसके बाद लोग जख्मी मजदूरों को बाइक के सहारे स्थानीय अस्पताल पहुंचाने लगे. इसकी खबर आसपास के इलाके में आग की तरह फैल गयी. भारी संख्या में लोग निर्माण स्थल पर पहुंचने लगे.

घटना घटित होने के बाद डर के मारे निर्माण में लगे कंपनी के सभी अभियंता, साइड इंचार्ज सहित बगल के टेंट में आराम कर रहे मजदूर मौके से भाग खड़े हुए. लेकिन स्थानीय लोगों ने मोर्चा संभाले रखा. घटना की सूचना जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन व मीडिया के लोगों को दी. जैसे ही मीडिया में यह खबर आयी. दूर-दूर से लोग उक्त स्थल पर पहुंचने लगे. भीड़ इतनी बढ़ गयी कि प्रशासन को बैरिकेडिंग कर लोगों को घटनास्थल से दूर करना पड़ा. बावजूद लोग घंटों मौके पर बने रहे.

टूटे मलबे को हटाने के लिए क्रेन का होता रहा इंतजार

सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे 10.2 किमी लंबे पुल देश का सबसे लंबा नदी पुल है. इसका स्लैब गिरने के बाद सबसे पहले सदर एसडीएम इंद्रवीर कुमार एवं डीएसपी आलोक कुमार पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. इसके कुछ ही देर बाद डीएम कौशल कुमार एवं एसपी शैशव यादव मौके पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली. जहां पता चला कि यह घटना सदर थाना क्षेत्र के मरीचा गांव के समीप हुई.

बताया गया कि शुक्रवार की सुबह पिलर संख्या 153-154 के बीच सिगमेंट बैठाया जा रहा था. इसी दौरान बॉक्स सेगमेंट को ट्रक से ट्रांसपोर्ट कर लाया गया था. जिसे क्रेन से खींचा जा रहा था. इसी दौरान किसी एक कोने का क्लिप ढीला पड़ गया. जिस कारण सिगमेंट बॉक्स ट्रक पर गिर गया. ट्रक पहले से एक सिगमेंट बॉक्स पर खड़ा था, इस वजह से दूसरा सिगमेंट बॉक्स भी धराशायी हो गया. देखते-देखते करीब 12 बॉक्स गिर गया.

यह सिगमेंट बॉक्स दो पिलर के बीच थे. जानकार बताते हैं कि क्रेन का पिन टूट जाने के कारण बॉक्स सिगमेंट गिर गया. इसके बाद टूटे मलबे को हटाने के लिए क्रेन का इंतजार किया जाने लगा. भारी भरकम क्रेन रहने के कारण काफी देर तक मौके पर नहीं पहुंच सकी. लोग अंदेशा जता रहे थे कि इस मलबे में और भी मजदूर फंसे हो सकते हैं. मालूम हो कि बकौर की तरफ से ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कार्य करवा रही है, जबकि मधुबनी जिले के भेजा की ओर से गैमन इंजीनियर्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड पुल का निर्माण करा रहा.

हादसे के बाद कंपनी के अधिकारी फरार

स्थानीय मो इरशाद ने बताया कि कंपनी के सभी बड़े अधिकारी मौके से फरार हो गए. स्थानीय लोगों ने घायलों को तत्काल सुपौल के एक निजी हॉस्पिटल पहुंचाया. इलाज के क्रम में सुपौल जिले किशनपुर थाना क्षेत्र के पंचगछिया निवासी 27 वर्षीय विपिन यादव की मौत हो गई. जबकि सात घायल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं. वहीं तीन घायलों का सहरसा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना के बाद वरीय अधिकारी भी पहुंचने लगे हैं. एनडीआरएफ की टीम अब मोर्चो को संभाल रखा है.

मौके पर मौजूद लोगों ने किया हंगामा

उधर घटना के बाद आसपास के जुटे लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. मो शमशाद नाम के व्यक्ति ने कहा कि पुल का जो निर्माण हो रहा है उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है. पुल निर्माण में जो मजदूर लगे रहते हैं उन्हें सेफ्टी के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार पुल के सिगमेंट के नीचे आसपास मजदूर दबे हो सकते हैं. कई लोगों को निकालकर बाइक से ही सुपौल इलाज के लिए पहुंचाया गया.

लोगों ने पुल निर्माण कंपनी पर भी गंभीर आरोप लगाया है. कहा कि घटना के बाद कंपनी के कोई अधिकारी नहीं आये. मौके पर मौजूद मुखिया सुरेंद्र यादव ने कहा कि हम लोग कंपनी को बार-बार शिकायत करते थे. उल्टा हम लोगों को धमकी दी जाती थी कि जेल भिजवा देंगे. आप लोग रंगदारी मांगने के लिए आते हैं.

एक मजदूर की मौत की पुष्टि

डीएम कौशल कुमार ने बताया कि हादसे की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए. सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. सभी जख्मी को एक-एक लाख रुपये एवं मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गयी है. जबकि जख्मी का इलाज भी फ्री में कराया जायेगा. बताया कि घटना की जांच करायी जायेगी. जांच में जो भी दोषी होंगे उस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

दो एजेंसियां कर रही हैं काम

इस पुल की एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है. इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 5 पैकेजों में पुल बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. यह पुल नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा.

पुल के लिए बनना है 171 पिलर

इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. इनमें 166 पिलर का निर्माण पूरा हो चुका है. बकौर की ओर से 36 पिलर और भेजा की ओर से 87 पिलर होंगे. इसमें बकौर की ओर से 2.1 किलोमीटर और भेजा की तरफ से 01 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जाना है.

इसी साल पूरा होना है काम

कोसी पर सुपौल जिले के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे इस महासेतु के सिरे के दोनों तरफ बने तटबंध (पूर्वी और पश्चिमी) से सीधे जोड़ा जा रहा है. इस कारण से यह महासेतु देश में सबसे लंबा हो जाएगा. इस पुल का कार्य इसी साल पूरा होना है. इसका उद्घाटन वर्ष 2023 में होना था, लेकिन कोरोना के कारण विलंब हुआ और अब दिसंबर 2024 में संभावित है, लेकिन हादसे के बाद निर्माण कार्य में विलंब हो सकता है.

दोषी के खिलाफ हर हाल में होगी कार्रवाई

घटना स्थल पर पहुंचे पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा है कि सुपौल-मधुबनी के भेजा-बकौर के बीच कोशी नदी पर निर्माणाधीन पुल के एक हिस्से की गिरने की सूचना मिली तो घटना स्थल पर पहुंचे हैं. जिसमें एक मजदूर की मृत्यु और कुछ अन्य कार्य मजदूर के घायल होने की जानकारी मिली है. यह घटना बहुत दुखद और मन को पीड़ा देने वाली है. प्रशासन को घायलों की अविलंब मदद करने और समुचित मुआवजा देने का निर्देश दे दिया गया है.

निर्माणधीन पुल गिरने की जांच कराई जाएगी और दोषी पदाधिकारी अभियंताओं और कार्यरत कंपनी के विरुद्ध नियम अनुसार जांच की कार्रवाई की जाएगी. बताया कि मामले में पथ निर्माण विभाग के मंत्री का भी बयान आ गया है.

घटना स्थल पर पहुंचे विधायक

घटना की सूचना पर पिपरा विधायक रामविलास कामत भी पहुंचे. जिन्होंने घटना की जानकारी ली. मौके पर मौजूद लोगों को शांत रहने की अपील करते कहा कि फिलहाल जख्मी का बेहतर इलाज कराना प्राथमिकता है.

90 टन का होता है एक सिगमेंट

प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप कश्यप ने बताया कि घटना में कुल 14 सिगमेंट बॉक्स क्षतिग्रस्त्र हुआ है. एक सिगमेंट बॉक्स का वजन 90 टन होता है. इस प्रकार अगर देखा जाये तो 1260 टन सिगमेंट गिरा. बताया कि 12 फरवरी 2020 को कार्य प्रारंभ किया गया था. जो दिसंबर में पूरा होना था.

10 मजदूर घायल, एक की मौत

निर्माणाधीन पुल के सिगमेंट गिरने के दौरान हुए हादसे में शुरुआती दौर में जो जख्मी अस्पताल पहुंचे हैं उनकी संख्या 10 है. जबकि एक मजदूर की मौत हो गई है. जख्मी में मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के साहेबगंज ईटहरी गांव निवासी बेचन साह के 35 वर्षीय पुत्र मुकेश कुमार, सहरसा जिले के नवहट्टा थाना क्षेत्र के कासिमपुर गांव निवासी फूलचंद पासवान के 21 वर्षीय पुत्र हुकुमदेव पासवान एवं पूर्णिया जिले के केनगर थाना क्षेत्र के जुबनबाड़ी निवासी हीरालाल सोरेन के 26 वर्षीय पुत्र जुबेन सोरेन शामिल हैं. इन सभी का इलाज सहरसा जिला मुख्यालय स्थित एक निजी हॉस्पिटल में चल रहा है.

सुपौल स्थित एक निजी हॉस्पिटल में सिवान जिले के अर्जुन शर्मा के पुत्र दिलीप शर्मा, असम निवासी झागर राम के पुत्र दीपचरण, असम निवासी बलराम मलाह के पुत्र 21 वर्षीय भोंपू मलाह, असम निवासी सुकलाल चौधरी के 38 वर्षीय पुत्र राम शर्मा, असम निवासी रहमान अली के 18 वर्षीय पुत्र नूर हसन, सुपौल जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव निवासी नंदलाल यादव के 54 वर्षीय पुत्र प्रयागलाल यादव एवं यूपी के फिरोजाबाद निवासी गोरेलाल भला के 20 वर्षीय पुत्र लव कुश भर्ती है.

जबकि मृतक मजदूर की पहचान जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव वार्ड नंबर 13 निवासी बिहारी यादव के 29 वर्षीय पुत्र बिपिन कुमार के रूप में हुई है. जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां पहुंचे परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर शव को अस्पताल के मुख्य गेट के समीप रखकर सुपौल सहरसा पथ को जाम कर दिया. जाम की सूचना पर पहुंचे एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने लोगों को समझा बुझाकर जाम समाप्त कराया.

वहीं निर्माण कंपनी ट्रांसरेल के प्रतिनिधि अस्पताल पहुंचकर मृतक की पत्नी देवरानी देवी के नाम 10 लाख रूपये का चेक दिया. इसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. वहीं सभी जख्मियों को भी घोषित एक-एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया है.

एकलौता पुत्र था विपीन

किशनपुर प्रखंड क्षेत्र के कोसी तटबंध के भीतर मौजहा पंचायत के पंचगछिया वार्ड नंबर 13 निवासी 29 वर्षीय विपीन की मौत सदर प्रखंड के बकौर में कोसी नदी पर बन रहे पुल गिरने से हो गयी. बताया गया कि पंचगछिया निवासी बिहारी यादव का एकलौता पुत्र विपिन कुमार यादव गरीबी के कारण पुल निर्माण कंपनी में कार्य कर रहा था और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कमा रहा था. शुक्रवार को निर्माणाधीन पुल गिरने से दबने के कारण उसकी मौत हो गयी.

मृतक को 03 वर्ष का एक पुत्र तथा 02 साल की एक बेटी है. एकलौते चिराग की मौत से पीड़ित परिजन में कोहराम मचा हुआ है. वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. इधर इसी गांव के नंदलाल यादव के पुत्र प्रयाग यादव भी उसी घटना में बुरी तरह से जख्मी हो गया. जिसका इलाज चल रहा है. प्रयाग यादव चार भाई है, जिसमें एक भाई दिल्ली में कमा रहा है. दूसरा भाई गांव में खेती करता है तथा तीसरा भाई सुपौल में रह रहा है.

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