समाहरणालय स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में घूसकांड, पदाधिकारी शोभा सिन्हा व ऑपरेटर चंदन न्यायिक हिरासत में

सुपौल समाहरणालय स्थित जिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई, जहां जिला परियोजना पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ऑपरेटर चंदन कुमार को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया.

By RAJEEV KUMAR JHA | July 25, 2025 10:16 PM
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सुपौल. सुपौल समाहरणालय स्थित जिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई हुई, जहां जिला परियोजना पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ऑपरेटर चंदन कुमार को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया. इस मामले में शुक्रवार को दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. यह कार्रवाई बीडीओ ज्योति गामी के आवेदन पर की गयी. इस आधार पर सदर थाना कांड संख्या 384/25 दर्ज की गयी है. छापेमारी के दौरान कुल 01 लाख 90 हजार दो सौ रुपये नकद बरामद किये गये, जो रिश्वत की राशि मानी जा रही है. सदर थानाध्यक्ष अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि डीपीओ व ऑपरेटर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. छापेमारी में कहां से मिली कितनी राशि मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी के देखरेख में कराये गये छापेमारी के अभियान के दौरान डीपीओ शोभा सिन्हा के पर्स से 19 हजार दो सौ रुपये व कार्यालय से सटे कमरे के कंप्यूटर टेबल के दराज से 48 हजार रुपये बरामद किया गया. इसके अलावे ऑपरेटर चंदन कुमार के जेब से 25 हजार रुपये व ऑफिस के ट्रंक के पीछे छुपा कर रखे गये 98 हजार रुपये बरामद किया गया. दंडाधिकारी की मौजूदगी में की गयी कार्रवाई यह पूरी छापेमारी दंडाधिकारी कंचन कुमारी की निगरानी में की गयी, जिससे कार्रवाई की पारदर्शिता बनी रही. इस दौरान मौके पर उपस्थित नवनियुक्त महिला सुपरवाइजर रंजना कुमारी, पूनम कुमारी व विभा देवी ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में पैसे दिये हैं, जो इस घूसकांड की पुष्टि करता है. प्रशासन की सख्ती इस मामले ने जिला प्रशासन में खलबली मचा दी है. घूसखोरी के इस खुलासे के बाद अन्य कार्यालयों पर भी निगरानी बढ़ा दी गयी है. प्रशासन ने संकेत दिया है कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके. जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से आमलोगों में एक चर्चा बना हुआ है. देर से ही सही भ्रष्टाचारी बच नहीं सकते हैं. सीडीपीओ कार्यालय से गायब रहे बिचौलिया शुक्रवार को जब प्रभात खबर प्रतिनिधि द्वारा प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय का जायजा लिया गया तो कर्मी चुपचाप अपने कुर्सी पर और अधिकारी अपने चैंबर में बैठी हुई थी. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो कोई घटना हो गयी है. कल तक जहां सिर्फ बिचौलिया और सेविका के पति नजर आते थे, वहां शुक्रवार को कोई नजर नहीं आ रहा था. वहीं समाहरणालय में शुक्रवार को भी दिन भर यही चर्चा चलती रही.

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