जदिया बाजार में जाम की समस्या विकराल

प्रशासनिक लापरवाही से सड़कें बनी अतिक्रमण का शिकार

By RAJEEV KUMAR JHA | June 6, 2025 7:11 PM
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– प्रशासनिक लापरवाही से सड़कें बनी अतिक्रमण का शिकार जदिया. जदिया बाजार में जाम की समस्या दिनों दिन गंभीर रूप लेती जा रही है. प्रशासनिक उदासीनता और अतिक्रमण के चलते यहां की दो मुख्य सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई और एसएच 91 यातायात अवरोध का केंद्र बन चुकी हैं. स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि लोगों को पैदल चलना भी दूभर हो गया है. जानकारी के अनुसार, हनुमान मंदिर चौक से पेट्रोल पंप तक की सड़क एचएच 327 ई के अंतर्गत आती है, जबकि हनुमान मंदिर से गायत्री गारमेंट तक की सड़क एसएच 91 के अंतर्गत है. इन दोनों सड़कों पर अवैध रूप से ऑटो, ई-रिक्शा और बसें खड़ी की जा रही हैं, जिससे पूरा बाजार क्षेत्र अस्थायी स्टैंड में तब्दील हो गया है. ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से आम यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. वहीं, बड़े वाहनों द्वारा बीच सड़क पर ही यात्रियों को चढ़ाने-उतारने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. दूसरी ओर एसएच 91 की शेष सड़कों पर ठेले और फुटपाथ दुकानदारों ने कब्जा कर लिया है, जिससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को समान रूप से गतिशीलता में बाधा उत्पन्न हो रही है. जदिया में बस स्टैंड की दरकार स्थानीय नागरिकों और यात्रियों की मांग है कि जदिया बाजार में एक स्थायी बस स्टैंड की स्थापना की जाए. इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में बसें, ऑटो और ई-रिक्शा प्रतिदिन चलती हैं, लेकिन इन्हें व्यवस्थित करने के लिए कोई सरकारी बस अड्डा उपलब्ध नहीं है. इससे न केवल यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि सरकार को संभावित राजस्व की भी क्षति होती है. यात्रा के लिए एनएच 327 ई और एसएच 91 जैसे लंबे मार्ग बसों के लिए उपयुक्त हैं, किंतु निर्धारित स्टैंड नहीं होने से जाम और अव्यवस्था फैल रही है. साथ ही, ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के लिए स्थायी पार्किंग स्थल भी आवश्यक है, जिससे वे यात्रियों को सुरक्षित रूप से चढ़ा-उतार सकें. कार्य योजना बनाना अनिवार्य स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर समस्या पर अविलंब ध्यान दे और व्यवस्थित कार्य योजना बनाए. वाहन चालकों के लिए निर्धारित मानक तय किए जाएं और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए. इस दिशा में त्रिवेणीगंज, मीरगंज-रानीगंज और छातापुर जैसे अन्य कस्बों में लागू व्यवस्था को आदर्श मॉडल के रूप में अपनाया जा सकता है. यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जदिया बाजार में जाम की समस्या और अधिक भयावह रूप धारण कर लेगी, जिससे स्थानीय लोगों एवं यात्रियों को निरंतर असुविधा झेलनी पड़ेगी.

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