छातापुर. थाना क्षेत्र में मानवता को कलंकित करने वाली एक घटना सामने आयी है. थाना क्षेत्र में शुक्रवार अपराह्न करीब चार बजे एक अधेड़ व्यक्ति ने तीन वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है. बच्ची मुख्यालय पंचायत की है और कुछ दिन पूर्व वह अपने ननिहाल आयी थी. शुक्रवार अपराह्न पटवन के लिए जा रहे मामा के साथ वह भी खेत गई थी. घटना की सूचना के पौने घंटे बाद डायल 112 व थाना पुलिस मौके पर पहुंची. थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह ने बच्ची के मामा व अन्य से आवश्यक जानकारी लेने के बाद वार्ड 12 स्थित आरोपित के घर छापेमारी की, लेकिन आरोपित के घर कोई नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस द्वारा पीड़ित बच्ची और उसकी मां एवं नानी को वाहन में बैठाकर थाना लाया. जानकारी के बाद त्रिवेणीगंज एसडीपीओ विभाष कुमार थाना पहुंचे और थानाध्यक्ष से घटना की जानकारी ली. एसडीपीओ ने पीड़िता का मेडिकल जांच कराने और आरोपित की अविलंब गिरफ्तारी का निर्देश दिया. इधर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के बाद पीड़िता के परिजन, रिश्तेदार व ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. पूर्व मुखिया के पुत्र पर घटना को अंजाम देने का आरोप पीड़िता के मामा ने बताया कि खेत में पटवन के लिए वह पाइप के टुकड़ों को जोड़ रहा था. साथ गई बच्ची समीप में पटसन फसल की ढेर के समीप खेल रही थी. वहां मौजूद वार्ड संख्या 12 निवासी पूर्व मुखिया के पति गुलाब सिंह के 40 वर्षीय पुत्र विकास कुमार बच्ची को उठाकर पटसन के ढेर के पीछे ले गया. जहां वह बच्ची के साथ दुष्कर्म को अंजाम दे रहा था. घर जाने के लिए बच्ची को खोजने के क्रम में उनकी नजर पड़ी और हाथ में रहे कुदाल के बट से आरोपित के पीठ पर वार किया, जिसके बाद आरोपित मौके से भाग निकला. बताया कि सूचना के पौने घंटे बाद पहले डायल 112 की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. कुछ देर बाद थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह भी दलबल के साथ पहुंचे और घटना से अवगत हुए. 19 घंटे बाद मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंची पीड़िता परिजनों का आरोप है कि घटना स्थल से लाई गई पीड़िता को तत्काल हॉस्पिटल नहीं ले जाकर उसे घंटों तक थाना पर रखा गया. उम्र के लिहाज से बच्ची की तत्काल स्वास्थ्य जांच की दरकार थी. लेकिन पुलिस ने नियम कायदे का हवाला देकर बातों को अनसुना कर दिया. परिजनों ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता सहित उसकी मां और नानी को थाना परिसर में गुप्त स्थान पर छुपा दिया. इस दौरान पीड़िता का हालचाल लेने परिजनों को भी मिलने नहीं दिया जा रहा था. पुलिस पीड़िता को शनिवार को मेडिकल जांच में सुपौल ले जाने की जिद पर अड़ी रही. इस बीच उनलोगों ने मोबाइल पर एसपी एवं पुलिस इंस्पेक्टर से भी बात की. हो हंगामा करने पर पुलिस करीब पांच घंटे बाद यानी साढे़ 10 बजे रात्रि में पीड़िता को सदर अस्पताल सुपौल ले गई. परंतु सुपौल के लिए निकली पुलिस बिना मेडिकल कराये ही कुछ घंटे बाद वापस छातापुर लौट आयी. फिर शनिवार को 11 बजे पुलिस पीड़िता को लेकर सुपौल जा रही थी. परंतु रास्ते में लक्षमीनियां के समीप पुलिस वाहन खराब हो गया. फिर पीड़िता को वापस जदिया थाना लाया गया. कुछ देर बाद छातापुर से दूसरा वाहन मंगाकर पीड़िता को मेडिकल जांच व न्यायालय में बयान कराने के लिए सुपौल लाया जा सका. ऐसे में घटना स्थल से संध्या साढ़े पांच बजे थाना लाई गई पीड़िता को सदर अस्पताल पहुंचाने में 19 घंटे का बिलंब हुआ है.
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