क्या है 111/18 का मामला
बोकारो (झारखंड) जिला के दुग्धा थाना अंतर्गत दुग्धा कोलियरी वासरी इलाके निवासी कृष्णा की शादी आसनसोल चेलीडांगा निवासी मुकेश कुमार के साथ हुई थी. दोनों ही दिव्यांग थे. 19 जनवरी, 2018 को मुकेश बिना बताये घर से कहीं चला गया और 21 जनवरी, 2018 को कृष्णा घर से गायब हो गयी. मुकेश 22 जनवरी को लौट आया, लेकिन कृष्णा वापस नहीं लौटी. काफी तलाश के बाद भी कृष्णा नहीं मिलने पर उसके परिजनों ने दुग्धा थाने में 24 मार्च, 2018 को कृष्णा के ससुराल वालों पर उसकी हत्या कर शव लापता करने का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज करायी. जिसमें उसने कृष्णा की सास मीना देवी, पति मुकेश, देवर शेखर कुमार, नरेश एवं राजा को नामजद आरोपी बनाया.
कांड की जगह आसनसोल साऊथ थाना होने के कारण दुग्धा थाना पुलिस कांड संख्या 00/18 तारीख 24 मार्च 2018 को आसनसोल साऊथ थाना में भेज दिया. इसके आधार पर आसनसोल साऊथ थाना में 28 मार्च को कांड संख्या 111/2018 दर्ज हुआ. जिसमें आईपीसी की धारा 302/120बी के तहत मामला दर्ज हुआ. कांड में अबतक कृष्णा का कुछ भी पता नहीं चला है. हत्या यदि हुई है, तो उसका शव बरामद नहीं हुआ है. पुलिस मामले की जांच में लगी हुई है. इसी कांड में पलक की संलिप्तता मिलने पर जांच अधिकारी ने अदालत में प्रोडक्शन वारंट की अपील की. अदालत की मंजूरी के बाद उसे बुधवार को सीजेएम के समक्ष पेश किया गया. जांच अधिकारी ने रिमांड की अपील की अदालत में 7 दिनों की रिमांड पर पलक को पुलिस के हवाले कर दिया.
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अशोक अपहरणकांड में नामजद आरोपी है पलक
आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 में जमशेदपुर (झारखंड) जिला की परसुडीह थाना अंतर्गत हरहरगुट्टू जेल रोड निवासी अशोक भारती की बेटी पलक कुमार भारती नामजद आरोपी है. पुलिस ने उसे 12 मई को जमशेदपुर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था. उसने पुलिस को बताया कि अशोक को प्यार के जाल में फंसा कर वह सिवान (बिहार) ले गयी. वहां उसने अशोक को सिवान जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विशुनपुरा सरसर निवासी जयराम यादव के पुत्र अनूप यादव को सौंप दिया था. अनूप उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर अपने साथ गोपालगंज जिला के थावे इलाके में ले गया. उसके बाद अशोक की जानकारी उसके पास नहीं है. अनूप और गैंग के अन्य सदस्यों के साथ पलक की हुई बातचीत की ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस के हाथ लगी है. अनूप यादव को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी की. गिरफ्तारी नहीं होने पर अदालत से कुर्की का आदेश जारी हुआ. इसके बाद 29 अगस्त, 2020 को अनूप ने अदालत में सरेंडर किया. फिलहाल वह पुलिस रिमांड में है.
अपहरण कांड में पलक पर अनूप मढ़ रहा है सारा दोष
पुलिस रिमांड में अनूप यादव ने पूछताछ में पहले अपनी संलिप्तता स्वीकार नहीं की. ऑडियो क्लिपिंग में अपनी आवाज को भी पहचानने से इनकार कर दिया. बाद में उसने स्वीकार किया कि ऑडियो में उसकी ही आवाज है. वह कांड का सारा दोष पलक पर मढ़ रहा है. संभावना है कि हत्या के मामले में रिमांड पर आयी पलक के साथ भी पुलिस अपहरण को लेकर पूछताछ करेगी. अपहरण के कारण त्रिकोणीय प्रेम की बात भी सामने आ रही है. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है. पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस कांड का खुलासा करने में पुलिस को सफलता मिलेगी.
Posted By : Samir Ranjan.