सीएनजी का इस्तेमाल कर प्रदूषण कम करने की कवायद
जिले के शहरी इलाके खासकर चास नगर निगम क्षेत्र में गाड़ियों की तादाद लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते प्रदूषण बढ़ने की संभावना बढ़ गयी है. ऐसे में सीएनजी का इस्तेमाल कर प्रदूषण को कम करने की कवायद की जा रही है. फेज वाइज डीजल और पेट्रोल ऑटो को सीएनजी में बदला जा रहा है, ताकि शहरी और नगर निगम क्षेत्र में पूरी तरह से सीएनजी ऑटो का परिचालन हो सके. वर्तमान में जिला में 14 सीएनजी स्टेशन हैं, जहां से ऑटो चालक सीएनजी गैस भरा सकते हैं. इधर, लोगों की रूचि भी इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है.
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कैसे होती है निगरानी
वायु गुणवत्ता सूचकांक की गणना के लिए आठ अलग-अलग प्रदूषकों की निगरानी की जाती है, PM 10, PM 2. 5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, जमीनी स्तर की ओजोन, अमोनिया और लेड.
वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से ऐसे बचें
बोकारो में वायु गुणवत्ता सूचकांक
दिनांक एक्यूआई
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20 अक्टूबर 128
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24 अक्टूबर 94
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25 अक्टूबर 105
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31 अक्टूबर 136
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09 नवंबर 127
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)
कोरोना काल में क्या थी स्थिति
कोरोना काल व लॉकडाउन के दौरान अप्रैल 2020 में गाड़ियां नहीं चलने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 70 से 75 के बीच था, जो अप्रैल 2019 में 90 से 95 तक चला गया. अप्रैल 2021 में एक्यूआई 100 से 120 के बीच था. लॉकडाउन के पहले जहां एक दिन में 325 किलोलीटर डीजल और 195 किलोलीटर पेट्रोल की बिक्री होती थी वहीं लॉकडाउन के दौरान एक दिन में मात्र 16 किलोलीटर डीजल व 39 किलोलीटर पेट्रोल की बिक्री हो रही थी.
सर्दी के मौसम में बढ़ जाता है खतरा
सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. इससे सांस संबंधी तकलीफ होती है. चिकित्सकों के अनुसार, इससे दिल व फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इनमें दिल की बीमारी, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) व तीव्र श्वसन संक्रमण प्रमुख हैं. बच्चे तीव्र श्वसन संक्रमण के अधिक शिकार होते हैं.