BOKARO NEWS: अक्तूबर 2021 में हुआ था एमओयू, अब तक कर्मियाें काे नहीं मिला लाभ

वेज रिवीजन में विलंब से आक्रोशित हैं बीएसएल-सेल कर्मी, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने एनजेसीएस व सेल प्रबंधन पर उठाया सवाल

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 11:12 PM
feature

बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल कर्मियों का 21- 22 अक्तूबर 2021 को वेज रिवीजन का एमओयू किया गया. आज तक एमओए नहीं हुआ. इससे कर्मियों में आक्रोश है. बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने एनजेसीएस व सेल प्रबंधन पर सवाल उठाया है. कहा है कि इस्पात मंत्री व सेल प्रबंधन कीक ओर से अलग-अलग फोरम पर अलग-अलग गुमराह करने वाला जवाब देकर कर्मचारियों को भरमाया गया. एनजेसीएस यूनियनों ने केवल दिखावटी प्रदर्शन कर कर्मियों के भरोसे को तोड़ा. बीएकेएस ने सवाल उठाया है कि एनजेसीएस संविधान आम सहमत की जगह बहुमत के आधार पर एमओयू कैसे लागू किया गया ? सेल अधिकारियों को किस नियम के आधार पर 15 प्रतिशत एमजीबी दिया गया. उसी आधार पर सेल कर्मियों को लाभ क्यों नहीं दिया गया. सेल अधिकारियों को किस नियम के आधार पर 35 प्रतिशत पर्क्स का लाभ दिया गया. उसी आधार पर सेल कर्मचारियों को 35 प्रतिशत पर्क्स का लाभ क्यों नहीं. अधिकारियों को अप्रैल 2020 से अक्तूबर 2021 तक किस नियम से पर्क्स का एरियर दिया गया.

एनजेसीएस में पांच यूनियन को तीन-तीन सीट किस आधार पर

महारत्ना कंपनी ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रॉलियम, हिंदुस्तान पेट्रॉलियम, एनटीपीसी, पावरग्रीड, नवरत्ना कंपनी नालको, एनएमडीसी, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में कार्यरत कर्मियों को किस आधार पर 15 प्रतिशत एमजीबी, 35 प्रतिशत पर्क्स व फिटमेंट और पर्क्स के एरियर का लाभ दिया गया. सेल में सिर्फ अधिकारी वर्ग को किस आधार पर दोनों का एरियर का लाभ मिला. एनजेसीएस में बगैर सदस्यता सत्यापन के ही पांच यूनियन को तीन-तीन सीट किस आधार पर दिया जा रहा है.

एनजेसीएस की मीटिंग सेल मैनेजमेंट की मर्जी से बुलाने जाने पर जतायी आपत्ति

90 कर्मी वाले चंद्रपुर व 200 कर्मी वाले वीआइएसएल को एनजेसीएस में प्रतिनिधित्व

एनजेसीएस में 20 गैर निर्वाचित नेता किस हैसियत व श्रम कानून के आधार पर

सभी महारत्ना नवरत्ना पीएसयू में फिटमेंट के साथ साथ पर्क्स का एरियर का संपूर्ण भुगतान एक ही बार में किया गया, लेकिन सेल में अभी तक नहीं हुआ है. एनजेसीएस में 20 गैर निर्वाचित नेता किस हैसियत व श्रम कानून के आधार पर जाते है. कर्मियों से दो-दो बार हड़ताल, प्रदर्शन कराने के बाद रिजल्ट कहां है. मैनेजमेंट के गलत नीतियों के खिलाफ कोर्ट जाने से परहेज क्यों. एनजेसीएस के बड़े नेता सहित सभी नेता खुले तौर सेल की यूनिटों में धरना-प्रदर्शन, बड़ा आंदोलनों में भाग क्यों नहीं लेते है.

मैनेजमेंट और एनजेसीएस का गठबंधन कर्मियों के लिए ठगबंधन है. बीएकेएस ने सेल प्रबंधन व एनजेसीएस यूनियनों के दोहरे चरित्र को उजागर किया है. एनजेसीएस व सेल प्रबंधन द्वारा सोची समझी योजना के तहत कर्मियों को धोखा दिया जा रहा है. सेल प्रबंधन को ना तो सरकार का भय है, न ही कर्मियों के आक्रोश का, न ही श्रम कानून का. ऐसा तब होता है जब कर्मचारी एकजुट नहीं होते है. एक यूनिट एक यूनियन की परिकल्पना को साकार करने का समय आ गया है.

हरिओम,

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां बोकारो न्यूज़ (Bokaro News) , बोकारो हिंदी समाचार (Bokaro News in Hindi), ताज़ा बोकारो समाचार (Latest Bokaro Samachar), बोकारो पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bokaro Politics News), बोकारो एजुकेशन न्यूज़ (Bokaro Education News), बोकारो मौसम न्यूज़ (Bokaro Weather News) और बोकारो क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version