बोकारो, सेक्टर पांच स्थित आइएमए हॉल में रविवार को आइएमए चास का 34 वां वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. उद्घाटन मुख्य अतिथि सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, मुख्य वक्ता लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ मनोज श्रीवास्तव, बैरिएट्रिक व रोबोटिक सर्जन डॉ केदार पाटिल, आइएमए चास अध्यक्ष डॉ संजय कुमार, सचिव डॉ अनु प्रिया पंकज व अन्य अतिथियों ने किया. सीएस डॉ प्रसाद ने कहा कि चिकित्सक जीवन भर नये-नये शोध के जरिये चिकित्सा विज्ञान को अपडेट करते हैं. यही वजह है कि जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज सरलता से होता है. नये चिकित्सकों को वैज्ञानिक सत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए. इससे ना केवल नवीन ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र के मंजे चिकित्सकों के मार्गदर्शन भी प्राप्त होंगे. हर सम्मेलन में नये-नये बीमारियों के शोधों पर लगातार चर्चा होती है. अध्यक्षता डॉ संजय सिंह, डॉ कुंदन राज व संचालन पूर्व अध्यक्ष डॉ मीता सिन्हा तथा डॉ वरुणा झा ने किया.
वजन कम करने का विकल्प है बैरिएट्रिक व रोबोटिक सर्जरी
डॉ मनोज ने कहा कि लीवर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है. इसमें किसी व्यक्ति के खराब या रोगग्रस्त लीवर को निकालकर स्वस्थ लीवर से बदल दिया जाता है. इस प्रक्रिया को हेपेटिक ट्रांसप्लांटेशन भी कहा जाता है. डॉ केदार ने कहा कि बैरिएट्रिक और रोबोटिक सर्जरी वजन घटाने की सर्जरी हैं. मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों के लिए वजन कम करने का एक विकल्प है. डॉ एके सिंह ने कहा कि सिंकोप में मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में अस्थायी कमी के कारण चेतना का अस्थायी नुकसान होता है. जबकि दौरे मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधि के कारण होते हैं. दौरा में चेतना का नुकसान मांसपेशियों की टोन में वृद्धि व अन्य तंत्रिका संबंधी लक्षणों के साथ हो सकता है.
डिजिटल डिटॉक्स : डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल कम
डॉ बीके पंकज ने कहा कि ऑटोइम्यून एक प्रकार की मिर्गी है. इसमें दौरा प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा मस्तिष्क कोशिकाओं पर हमला करने के कारण होते हैं. डॉ बीके राठौर ने डिजिटल डिटॉक्स किसी तय समय के लिए स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टैबलेट, टेलीविजन व सोशल मीडिया जैसे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल कम करना या बंद करने को कहा जाता है. इसका मकसद डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान से बचना व वास्तविक जीवन का अनुभव करना होता है. डॉ पंकज कुमार ने कहा कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस वैक्सीन से एचपीवी वायरस से होने वाले कैंसर व जननांग मस्सों से बचा जा सकता है. यह टीका गर्भाशय ग्रीवा, योनि, लिंग, गुदा, मुंह, गले, सिर व गर्दन के कैंसर से सुरक्षा देता है.
किशोर व युवतियों को होती है एंडोमीट्रियोसिस नामक बीमारी
डॉ वरुणा झा ने कहा कि एंडोमीट्रियोसिस एक बीमारी है. इसमें गर्भाशय के अंदरूनी ऊतक गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगते हैं. यह बीमारी आमतौर पर किशोर व युवा महिलाओं में होती है. इससे शारीरिक व मानसिक परेशानियां होती है. डॉ रमेश हेंब्रम ने कहा कि पोस्टपार्टम साइकोसिस एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है. जो महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद विकसित हो सकती है. इसमें वास्तविकता की समझ में बदलाव, मतिभ्रम व भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. डॉ स्मृति चौधरी ने कहा कि लेजर का उपयोग त्वचा की विभिन्न समस्याओं के उपचार के लिए किया जा सकता है. झुर्रियां, निशान, धब्बे व असामान्य त्वचा का रंग को लेजर पुनर्जीवन त्वचा को ठीक करने के लिए एक प्रक्रिया है. नयी त्वचा कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देती है. डॉ आकाश कांत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बीमारियों के निदान की बातें कही.
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