विप्लव सिंह, जैनामोड़, जरीडीह प्रखंड स्थित बाराडीह गांव निवासी राजकुमार प्रजापति ने अपनी जमीन पर परंपरागत खेती से हटकर चंदन की खेती करने की योजना बनायी, तो ग्रामीणों ने उपहास उड़ाया. ग्रामीणों की परवाह किये बिना उसने खेती शुरू की. आखिरकार मेहनत रंग लायी, लगभग तीन साल में सफेद चंदन की की खेती लहलहाने लगी. अब ग्रामीण उसे शाबासी दे रहे हैं. गांव का 35 वर्षीय राजकुमार मैट्रिक के बाद नौकरी की तलाश में तमिलनाडु राज्य गया. उसने देखा कि तमिलनाडु के जिस जगह पर वह रहता है, वहां चंदन की लकड़ी की खरीद-बिक्री काफी महंगी दामों में होती हैं. जिसे खरीदार घर से ही खरीद कर ले जाते हैं. इसे देख राजकुमार ने घर में ही चंदन के पौधे लगाने लगाने की ठान ली. उसने तमिलनाडु में कमाये पैसे को लेकर असम गया. असम से लगभग 150 पौधे की खरीदारी की.
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