Bokaro News : ढोरी एरिया में जल्द शुरूहोगी सीसीएल की पहली हाइवॉल माइनिंग

Bokaro News : हाइवॉल माइनिंग के लिए मिला इसी अमेंडमेंट, अब सीटीओ का इंतजार

By MANOJ KUMAR | April 25, 2025 12:55 AM
feature

Bokaro News : राकेश वर्मा, बेरमो. बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के ढोरी एरिया में सीसीएल का पहला हाइवॉल माइनिंग से कोयला उत्पादन शुरू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. 25 दिन पहले इसका इनवायरमेंटल क्लीयरेंस(इसी) मिल गया है और एक सप्ताह के अंदर सीटीओ (कंसेट टू ऑपरेट) मिलने की उम्मीद है. उत्पादन चालू करने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी होने में करीब दो माह का समय लगेगा. इसके बाद हाइवॉल माइनिंग से प्रोडक्शन चालू हो जायेगा.

चालू वित्तीय वर्ष में हाइवॉल माइनिंग से किया जाना था 3.80 लाख टन उत्पादन :

प्रबंधन के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में एएओडीसीएम का कोयला उत्पादन का लक्ष्य 29.60 लाख टन निर्धारित था. इसमें आउटसोर्स से 17.72 लाख टन तथा डिपार्टमेंटल 6.80 लाख टन के अलावा हाइवॉल माइनिंग से 3.80 लाख टन उत्पादन करना था. लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से हाइवॉल माइनिंग से गत वित्तीय वर्ष में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया था.

सरफेस को बगैर डिस्ट्रब किये लगेगी हाइवॉल माइनिंग :

सालाना तीन मिलियन टन क्षमती की लगेगी कोकिंग कोल वाशरी :

ढोरी एरिया के तारमी प्रोजेक्ट में सालाना तीन लाख टन कोयला फीड करने की क्षमता की एक नयी कोकिंग कोल वाशरी भी लगने जा रही है. प्रबंधकीय सूत्रों के अनुसार इसका वर्क ऑर्डर हो गया है. प्रबंधन के अनुसार ढोरी एरिया के एसडीओसीएम, अमलो, तारमी के अलावा कल्याणी एक्सपेंशन प्रोजेक्ट से उत्पादित कोयले को इस वाशरी में फीड किया जायेगा. यहां से वाशरी ग्रेड-5 का कोयला सीएचपी में चला जायेगा, जबकि वाशरी ग्रेड-3 का कोयला वाशरी में रह जायेगा. यहां से फिर इसे अन्यत्र जगहों पर भेजा जायेगा. जल्द ही ढोरी एरिया में सालाना दो मिलियन की क्षमता का कल्याणी एक्सपेंशन माइंस भी अस्तित्व में आयेगा, जो 20 साल का प्रोजेक्ट है. इसके बाद ढोरी एरिया का कोल प्रोडक्शन का ग्राफ काफी बढ़ जायेगा, जिसको देखते हुए यहां वाशरी व सीएचपी का निर्माण होगा.

पूरे सीसीएल में ढोरी एरिया हाइवॉल माइनिंग के क्षेत्र में बनेगा सिरमौर : सीएमडी

सीसीएल के सीएमडी निलेंदू कुमार सिंह ने कहा कि ढोरी एरिया का इस वर्ष का प्लान हाइवॉल माइनिंग करने का है. जो शीघ्र चालू होने जा रहा है. 2024-25 में भी हाइवॉल माइनिंग का टार्गेट दिया गया था, लेकिन इसी मिलने में विलंब हुआ था. हाइवॉल माइनिंग के लिए 20 दिन पहले इसी मिल चुका है. सीटीओ इस माह के अंत तक मिलने की संभावना है. सारी प्रक्रिया पूरी करने में दो माह का समय लगेगा. इसके बाद हाइवॉल माइनिंग से प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा. इस साल तीन लाख एमटी हाइवॉल माइनिंग से उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को ढोरी एरिया प्राप्त करेगा. कहा कि पूरे सीसीएल में ढोरी एरिया हाइवॉल माइनिंग के क्षेत्र में सिरमौर बनेगा. कहा कि ढोरी एरिया की अमलो (एएओडीसीएम) परियोजना को भविष्य में सीसीएल का मॉडल माइंस बनाने की योजना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां बोकारो न्यूज़ (Bokaro News) , बोकारो हिंदी समाचार (Bokaro News in Hindi), ताज़ा बोकारो समाचार (Latest Bokaro Samachar), बोकारो पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bokaro Politics News), बोकारो एजुकेशन न्यूज़ (Bokaro Education News), बोकारो मौसम न्यूज़ (Bokaro Weather News) और बोकारो क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version