मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बोकारो के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि वह चुन्नूलाल सोरेन को जरूरी सभी सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनकी हरसंभव मदद करें. मुख्यमंत्री ने उपायुक्त से कहा है कि उनकी मदद करने के बाद इसकी सूचना सीएम को दें. ट्विटर पर किसी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए प्रभात खबर की रिपोर्ट को ट्वीट किया.
अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन करने वालों में शामिल रहे चुन्नूलाल सोरेन ने अपना पूरा जीवन सूदखोरी, महाजनी के खिलाफ आवाज बुलंद करने में और जल, जंगल एवं जमीन की रक्षा करने में लगा दिया. दो साल पहले लकवा मार गया. प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जान बच गयी. डॉक्टरों ने दवा लिख दी. एक महीने की दवा पर 5 हजार रुपये खर्च आते हैं.
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इनके तीन बेटे हैं. तीनों शिक्षित, लेकिन बेरोजगार हैं. इसलिए दो साल पहले जब चुन्नूलाल लकवाग्रस्त हुए, तो उनका पूरा इलाज नहीं हो पाया. किसी तरह से दवा का इंतजाम उनके बेटे कर रहे थे. लेकिन, पिछले तीन महीने से दवा नहीं खरीद पाये. फलस्वरूप चुन्नूलाल की सेहत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है. शहीद रामदास साेरेन स्मारक समिति के 15 वर्ष तक अध्यक्ष रहे चुन्नूलाल सोरेन आज भी खपरैल के मकान में रहते हैं.
मुख्यमंत्री का आदेश आते ही बोकारो के उपायुक्त ने बेरमो अनुमंडल के एसडीएम नीतीश कुमार सिंह और गोमिया अंचल के सीओ ओम प्रकाश मंडल से कहा कि वे चुन्नूलाल सोरेन की समस्याओं के बारे में जानकारी लें और उन्हें जरूरी मदद उपलब्ध करायें. डीसी ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि चुन्नूलाल की समस्या का समाधान करने के बाद इसकी जानकारी उन्हें (डीसी को) दें.
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Posted By : Mithilesh Jha