राकेश वर्मा, बेरमो, सीसीएल बीएंडके एरिया अंतर्गत कारो माइंस के विस्तार में शिफ्टिंग के बाद अब पेड़ों की कटाई का मुद्दा बाधक बन गया है. पेड़ों कटाई का एक पक्ष विरोध कर रहा है तो दूसरा पक्ष इसे जरूरी बता रहा है. तीन मई को बैदकारो कोयलांचल विस्थापित संघर्ष मोर्चा महिला प्रकोष्ठ की दर्जनों महिलाओं ने कारो परियोजना से सटे पुराने इंकलाइन के समीप जंगल में पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांध कर इनकी रक्षा का संकल्प लिया था. 20 जुलाई को पेड़ों की कटाई का विरोध तथा समर्थक करने वाले ग्रामीणों के दो पक्षों में मारपीट हो गयी थी. घटना को लेकर गांधीनगर थाना में मामला दर्ज कराया गया. पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे विस्थापित संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष वतन महतो का कहना है कि वनाधिकार समिति तथा ग्राम सभा की अनुमति लिये बगैर सीसीएल प्रबंधन पेड़ों की कटाई करा रहा है. दूसरे पक्ष के दिगंबर महतो का कहना है कि कुछ लोग अपना वर्चस्व कायम करने के लिए ग्रामीणों को बरगला रहे हैं. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सीसीएल प्रबंधन ने पेड़ों को काटने का टेंडर निकाला है. इधर, 25 जुलाई से विस्थापित संघर्ष मोर्चा ने कारो परियोजना में बेमियादी चक्का जाम शुरू कर दिया है.
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