बोकारो जिले के नयामोड़ बस स्टैंड परिसर में शनिवार को ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बस के मालिक, एजेंट सहित यात्रियों ने भाग लिया और बस स्टैंड की समस्याओं को साझा किया. मौके पर मनीष सिंह, संतोष पासवान, सुरेंद्र सिंह, आदित्य सिंह, अक्षय सिंह, पप्पू सिंह, दिनेश सिंह, हनुमान सिंह, त्रिवेणी सिंह,गजेंद्र सिंह, शिवपूजन सिंह, प्रभुनाथ सिंह आदि ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित एकमात्र नयामोड़ बस स्टैंड से सैकड़ों राज्यीय व अंतरराज्यीय बसों का आवागमन प्रतिदिन होता है, लेकिन तीन दशक से बस स्टैंड बदहाल पड़ा हुआ है. स्टैंड में यात्री सुविधाएं नदारद हैं, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. स्टैंड में यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा के नाम भी कुछ नहीं है. हर दिन यात्रियों को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. उन्होंने कहा कि परिवहन किसी भी क्षेत्र के विकास का प्रमुख आधार होता है. बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थल यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क का दर्पण होते हैं, लेकिन नया मोड़ बस स्टैंड आज प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है. यात्रियों ने भी होने वाली समस्याएं बतायी और समाधान की मांग की.
बस स्टैंड से प्रतिदिन दो हजार यात्रियों का होता है आवागमन :
स्टैंड की अव्यवस्था पर उपायुक्त ने जतायी थी नाराजगी :
बता दें पिछले वर्ष दिसंबर माह में उपायुक्त ने नयामोड़ स्थित बस स्टैंड की अव्यवस्था को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर बीएसएल प्रबंधन पर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने बस स्टैंड पर मूलभूत सुविधाएं पेयजल, शौचालय, पार्किंग, फुटपाथ आदि को अविलंब सुदृढ़ करने का निर्देश दिया था. इसके बाद बीएसएल प्रबंधन ने साफ-सफाई व अन्य सुविधा मुहैया करने के लिए पहल भी दिखायी, लेकिन कुछ दिन के बाद स्थिति जस-की-तस हो गयी.
महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग नहीं है शौचालय :
यात्री ठहराव स्थल से महरूम है बस स्टैंड :
यात्री ठहराव स्थल व टिनशेड नहीं होने के कारण यात्रियों को ठंडी, गर्मी व बरसात में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यात्रियों को बस स्टैंड पहुंचने के बाद ठहरने की जगह नहीं होने के कारण इधर-उधर दुकानों व पेड़ के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है. बारिश होने के बाद मुश्किलें और बढ़ जाती हैं. बस स्टैंड पर पेयजल की सुविधा नहीं होने से यात्रियों को दुकानों से पानी का बोतल खरीद कर काम चलाना पड़ता है. ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.
साफ-सफाई की भारी कमी :
बस स्टैंड पर नहीं रहती सुरक्षा :
बस स्टैंड पर सुरक्षा के मद्देनजर न ही पुलिस चौकी बनायी और न ही सीसीटीवी कैमरे का व्यवस्था है. बस स्ट्रैंड पर एक भी सुरक्षा कर्मी नहीं रखा गया है. यात्रियों को सुरक्षा की चिंता सताती रहती है. .
बोले बस एजेंट और यात्री
नया मोड़ बस स्टैंड से टाटा नगर जाने के लिए आये हुए हैं. बस स्टैंड की ऐसी हालत चिंतित करती है. स्टैंड की साफ-सफाई व पीने के पानी की अविलंब व्यवस्था होना चाहिए.
बस स्टैंड में यात्रियों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है. स्टैंड में जगह-जगह गंदगी फैली हुई है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है. रात में यहां अंधेरा भी पसरा रहता है.
गर्मी के समय में हर कोई परेशान है. ऐसे में बस स्टैंड में पीने के पानी, बिजली और बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. यात्रियों को पानी का बोतल खरीदना पड़ रहा है.
शाम से रात तक स्टैंड में असामाजिक तत्वों और नशेड़ियों का अड्डा रहता है. साथ ही पूरे परिसर में गंदगी पसरी है. दुर्गंध फैला रहता है. यहां के एंजेट बार-बार बीमार पड़ जाते हैं.
बस स्टैंड में तीन दशक से बुनियादी सुविधा नदारद है. कोई सुध लेना वाला नहीं है. यहां पर बीएसएल की ओर से लगी हुई हाईमास्ट लाइट भी बंद है. कई बार चोरी की घटना घटी है.
मनोहर झा, हॉकरस्टैंड की पहचान गंदगी बन गयी है. जबकि यहां के सभी बस के लोग शुल्क जमा करते हैं. फिर भी कोई सुविधा नहीं मिल रहा है. अब तो लगता है पूरा जीवन इसी गंदगी बितेगा.
टाटा जाने के लिए बस स्टैंड पहुंचे थे. यहां बैठने की कोई सुविधा नहीं है, धूप में खड़े होकर ही बस का इंतजार करना पड रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन को पहल करनी चाहिए.
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