बेरमो, सीसीएल बीएंडके एरिया के ऑफिसर क्लब में स्वनीति इनिशिएटिव एवं डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर यूनियन नेताओं के साथ जस्ट ट्रांजीशन के तहत कोयले पर निर्भर आबादी के आर्थिक बदलाव पर विचार-विमर्श किया गया. नीति इनिशिएटिव के फेलो ऋषि किशोर ने कहा कि दोनों संस्थाओं ने पिछले डेढ़ वर्ष में रामगढ़ और बोकारो जिले में रिसर्च स्टडी की है .इसके तहत हाउस होल्ड व एमएसएमइ सर्वे किया गया. फोकस ग्रुप डिस्कशन किया गया. अध्ययन की रिपोर्ट 11 फरवरी को लांच की गयी. अध्ययन में प्राप्त निष्कर्षों को उन्होंने पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया. बीएंडके एरिया के जीएम (ऑपरेशन) के एस गेवाल ने इस रिपोर्ट को भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा हमें अभी से ही भविष्य के लिए योजना बनानी होगी. एरिया के वित्त अधिकारी जी चौबे ने कोयला बंदी से वित्तीय प्रभावों और सीएसआर फंड के उपयोग पर विचार व्यक्त किये. एटक नेता लखनलाल महतो ने कोयला खदानें बंद होने की स्थिति में पेंशन की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की. बीएमएस के रवींद्र मिश्रा ने सीएसआर के तहत दिए जाने वाले प्रशिक्षणों के बंद होने और आउटसोर्सिंग कंपनियों के कारण लोगों के पलायन मुद्दा उठाया. इंटक के श्यामल सरकार ने झारखंड में 71 कोयला खदानों और सीसीएल में कार्यरत 32,000 कर्मचारियों का उल्लेख करते हुए ऊर्जा संक्रमण के संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला. कार्यशाला को एटक के सुजीत घोष, चंद्रशेखर झा, सीटू के पंकज महतो, जनसं के ओम प्रकाश सिंह, शंकर सिंह ने भी संबोधित किया. मौके पर सीसीएल के कई अधिकारियों के अलावा सचिन, रौशन सिंह, विकास सिंह समेत स्वनीति से फील्ड एसोसिएट सत्येंद्र कुमार, सीनियर एसोसिएट अंजना, एसोसिएट दीक्षा पाण्डेय, भैया साहेब, डीइएफ से डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर सुरेश, अंजर रजा मैत्री सिंह आदि उपस्थित थे.
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