Bokaro News : नया मोड़ बिरसा चौक में प्रभात आपके द्वार कार्यक्रम, फूल विक्रेताओं ने रखीं अपनी समस्याएं, बोलेBokaro News : धर्मनाथ कुमार, बोकारो. प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन नया मोड़ बिरसा चौक के निकट फूल दुकानदारों के बीच रविवार को किया गया. कार्यक्रम में फूल व्यवसायियों ने अपने कारोबार में आ रही समस्याएं खुल कर साझा कीं. कहा कि यहां सड़क किनारे 35 से अधिक हमारी फूल की दुकानें हैं. करीब 50 वर्षों से हम पीढ़ी-दर-पीढ़ी फूल व्यवसाय कर अपना परिवार चला रहे हैं, लेकिन वर्तमान समय में कई समस्याओं से घिरे हैं. फूल व्यवसाय के लिए कहीं स्थायी बाजार नहीं होना मुख्य समस्या है. हम सभी अस्थायी दुकानें लगाते हैं, जिससे हमें हमेशा दुकानें हटा दिये जाने का भय सताता रहता है. यहीं फूल व्यवसाय के लिए स्थायी जगह उपलब्ध कराया जाये, तो हमारा कारोबार बढ़ेगा, परिवार अच्छे से चला सकेंगे. फूल व्यवसायी दीपू मालाकार, राज, अमित, बबलू, मनीष आदि ने बताया कि विगत कई दशक से इस स्थान पर दुकान चला रहे हैं. हम सभी वैधानिक रूप से दुकानदारी चलाना चाहते हैं. मामले को लेकर कई बार हम लोगों ने सांसद और विधायक से बात भी की है, लेकिन चुनाव के वक्त यह मुद्दा गर्म रहता है, लेकिन बाद में ठंडा पड़ जाता है. आखिर हम भी समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं. शादी-ब्याह में गाड़ी सजाते हैं. तीज-त्योहार में हमारे फूल देवता को चढ़ते हैं. फिर हमारी अनदेखी क्यों हो रही है.
बीएसएल प्रबंधन विचार करे, तो बात बने :
दुकानदारी के लिए मिले बुनियादी सुविधाएं :
चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात वाला हाल :
फूल व्यवसायियों का कहना है कि शादी-विवाह के समय फूलों की डिमांड बढ़ जाती है. गजरे, जयमाला, सेहरा, गुलदस्ते आदि फूल की बिक्री से अच्छी कमाई हो जाती है. साथ ही नवरात्र, दीपावली जैसे बड़े पर्व पर भी कारोबार गुलजार रहता है, लेकिन, इसके बाद फूलों की बिक्री कम हो पाती है. कभी-कभी बोहनी तक नहीं होती है. ऐसे में ‘चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात’ सा हाल हो जाता है. कभी-कभी कर्ज लेकर भी अपने घर का खर्चा चलना पड़ता है. सुबह चार-पांच बजे से अपना दिन शुरू करने वाले फूलों के व्यापारियों की मेहनत को हमेशा से अनदेखा किया जाता रहा है.
सरकार से नहीं मिलती है किसी भी योजना का लाभ :
सरकार से नहीं मिलती कोई सहायता, हमारे लिए बनायी जाये वेंडिंग मार्केटहमारे पास कोई स्थायी ठिकाना नहीं है. सरकार से कोई सहायता भी नहीं मिल रही है. इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही हमारे लिए वेंडिंग मार्केट बनाने की आवश्यकता है.
हम निर्भीक होकर व्यवसाय करना चाहते हैं. कोई स्थायी बाजार या वेंडिंग जोन नहीं है. इसलिए कारोबार नही बढ़ रहा है.हमें कठिनाइयों का सामना करते हैं. इसके लिए सरकारी स्तर से प्रयास होना चाहिए.
कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलने से हमारा फूल का कारोबार कठिन हो गया है. यदि हमें स्थायी दुकान मिलें, तो हमारा काम बेहतर तरीके से चल सकता है. हम बिना डर के व्यापार कर सकेंगे.
– संजय मालाकारफूल के कारोबार में कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन, सरकार हमलोगों के लिए कुछ नहीं करती है. न सरकारी लाभ मिलता है और न ही कोई सुरक्षित ठिकाना है
– संजय मालाकारफूल व्यवसायियों के पास कोई स्थायी मंडी नहीं है. उन्हें सड़क किनारे अस्थायी जगह पर फूल बेचना पड़ता है. इस पर जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है, ताकि सुरक्षित कारोबार कर सके.
फूलों के रख-रखाव के लिए सरकार द्वारा कोई प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है. सरकार को चाहिए कि फूल कारोबारियों को प्रशिक्षण दे, ताकि फूल कारोबारियों को नुकसान नहीं उठाना पड़े.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है