पीएम नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित डॉ आशा रानी ने सुनायी कविता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित शिक्षकों से शुक्रवार को मुलाकात की. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त चंदनकियारी की शिक्षिका डॉ आशा रानी ने प्रधानमंत्री को कविता सुनायी.
By Guru Swarup Mishra | September 7, 2024 11:26 PM
बोकारो, धर्मनाथ कुमार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 से सम्मानित शिक्षकों से शुक्रवार को मुलाकात की. इस मौके पर गुरुवार पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मानित सभी 50 शिक्षक उपस्थित थे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने सभी शिक्षकों से अलग-अलग बातचीत की. इस कार्यक्रम में झारखंड से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुनी गयीं एक मात्र शिक्षिका बोकारो की डॉ आशा रानी भी उपस्थित थीं. उन्होंने सबसे पहले संस्कृत में एक श्लोक से सबका अभिवादन किया और फिर अपना परिचय भी संस्कृत में ही दिया. बोकारो के प्लस टू हाईस्कूल चंदनकियारी की संस्कृत शिक्षिका डॉ आशा रानी ने पीएम मोदी को कविता सुनायी.
पीएम नरेंद्र मोदी और शिक्षिका डॉ आशा रानी की बातचीत के मुख्य अंश.
पीएम मोदी और डॉ आशा रानी की बातचीत
शिक्षिका : महोदय, एक संस्कृत शिक्षिका होने के नाते मेरा यह सपना था कि मैं बच्चों को भारत की उस संस्कृति से अवगत कराऊं, जो हमारे उन समस्त संस्कारों का बोध कराती है. जिनके माध्यम से हम अपने मूल्यों व जीवन आदर्शों का निर्धारण करते हैं. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर मैंने बच्चों की रुचि संस्कृत में उत्पन्न कर इसे नैतिक शिक्षा का आधार बनाया और विभिन्न श्लोकों के माध्यम से बच्चों को जीवन मूल्यों को सिखाने का प्रयास किया. प्रधानमंत्री : आपने कभी सोचा कि जब आप संस्कृत भाषा के प्रति उन्हें आकर्षित करती हैं, उसके द्वारा उनको ज्ञान के भंडार की तरफ ले जाती हैं, जो हमारे देश में पड़ा हुआ है. एक संस्कृत टीचर के नाते या कभी आपके टीचर्स कमरे में टीचर्स के बीच में वैदिक मैथमेटिक्स क्या है? कभी चर्चा हुई होगी.
पीएम मोदी और डॉ आशा रानी की बातचीत
शिक्षिका : महोदय, एक संस्कृत शिक्षिका होने के नाते मेरा यह सपना था कि मैं बच्चों को भारत की उस संस्कृति से अवगत कराऊं, जो हमारे उन समस्त संस्कारों का बोध कराती है. जिनके माध्यम से हम अपने मूल्यों व जीवन आदर्शों का निर्धारण करते हैं. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर मैंने बच्चों की रुचि संस्कृत में उत्पन्न कर इसे नैतिक शिक्षा का आधार बनाया और विभिन्न श्लोकों के माध्यम से बच्चों को जीवन मूल्यों को सिखाने का प्रयास किया. प्रधानमंत्री : आपने कभी सोचा कि जब आप संस्कृत भाषा के प्रति उन्हें आकर्षित करती हैं, उसके द्वारा उनको ज्ञान के भंडार की तरफ ले जाती हैं, जो हमारे देश में पड़ा हुआ है. एक संस्कृत टीचर के नाते या कभी आपके टीचर्स कमरे में टीचर्स के बीच में वैदिक मैथमेटिक्स क्या है? कभी चर्चा हुई होगी.
पीएम मोदी और डॉ आशा रानी की बातचीत
शिक्षिका : नहीं महोदय प्रधानमंत्री : नहीं हुई, आप कभी कोशिश कीजिए, ताकि क्या होगा. सबको काम आ सकता है. ऑनलाइन वैदिक मैथेमेटिक्स की क्लासेस भी चलती हैं. यूके में तो वैदिक मैथेमेटिक्स ऑलरेडी कुछ जगह पर सिलेबस में भी है. जिन बच्चों को मैथ्स में रुचि नहीं होती है, वो अगर यह थोड़ा सा भी देखेंगे, तो उनको लगेगा यह मैजिक है. एक दम से उसका मन कर जाता है सीखने का, तो वो संस्कृत से हमारे देश के जितने भी विषय हैं, उनसे उनमें से कुछ भी परिचित करवाना हो, वैसा कभी आप कोशिश करें.
पीएम मोदी और डॉ आशा रानी की बातचीत
शिक्षिका : यह बहुत अच्छी बात आपने बताया महोदय, मैं जाकर बताऊंगी. प्रधानमंत्री : चलिए बहुत शुभकामनाएं हैं आपको. शिक्षिका : धन्यवाद.
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