Picnic Spot in Jharkhand: नये साल से पहले बोकारो के पिकनिक स्पॉट होने लगे गुलजार, देखें तस्वीरें

नव वर्ष करीब आते ही बोकारो के विभिन्न स्थलों पर पिकनिक मनाने वालों की भीड़ जुटने लगी है. बोकारो शहर और इसके आसपास के अंचलों में अनेक स्थल पिकनिक मनाने के लिए लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. कुछ स्थल जंगल और पहाड़ के लिए तो कोई नदी-नाला, झरना अन्य कारणों से भी लोगों को अपनी ओर लुभाता है.

By Nutan kumari | December 20, 2022 2:51 PM
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बोकारो शहर का सिटी पार्क शहर वासियों के लिए पिकनिक का मुख्य केंद्र है. दिसंबर महीना प्रारंभ होते ही यहां पिकनिक मनाने वालों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाती है और जनवरी के अंत तक लगभग यही स्थिति रहती हैं. विभिन्न संगठनों का वार्षिक मिलन समारोह सह पिकनिक का आयोजन यहां होता है. सिटी पार्क मुख्यतः दो भागों में बंटा हुआ है. एक भाग लोगों के घूमने फिरने के लिए उत्तम है. वहां बोटिंग की सुविधा भी है. गुलाब के बागवानी भी लुभाती है. सिटी पार्क का यह हिस्सा पिकनिक के लिए वर्जित क्षेत्र है. इसके दूसरे हिस्से को पिकनिक मनाने के लिए उपलब्ध कराया गया है.

बंगाल सीमा पर स्थित जरीडीह प्रखंड के सुदूरवर्ती भस्की पहाड़ में भी पिकनिक मनाने हर वर्ष काफी संख्या में लोग आते हैं. जंगल, पहाड़, नदी-नाला और झरना के बीच यहां की खूबसूरत वादियों में पिकनिक मनाने का मजा ही कुछ और है. यहां के मारांग बुरु सरना धोरोमगाढ़ में हर वर्ष माघी पूर्णिमा पर विशाल धर्म सम्मेलन का आयोजन होता है. इसके चलते भी इस स्थल की अपनी विशेषता है. जिला प्रशासन ने इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. यह इस प्रखंड का सबसे ऊंचा पहाड़ है. इसकी चोटी पर चढ़ना थकाऊ तो है, पर उसका भी अपना अलग मजा है.

बोकारो जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर कसमार प्रखंड के दुर्गापुर स्थित दुर्गा पहाड़ी भी पिकनिक मनाने वालों की पसंदीदा जगह है. धार्मिक एवं सामाजिक मान्यताओं के ऐतिहासिक घटनाक्रमों से जुड़ी यह पहाड़ी प्राकृतिक खूबियों और खूबसूरती के कारण भी लोगों को खूब लुभाती है. दुर्गम पगडंडियों पर चलकर करीब 650 फुट ऊंची इस पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने के बाद सैलानियों के मन को असीम शांति और सुकून मिलता है. करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली यह पहाड़ी प्रखंड के करीब 80 फीसदी हिस्सों से देखी जा सकती है. दिसंबर-जनवरी के अलावा अन्य दिनों में भी यहां लोग घूमने-फिरने के ख्याल से आते रहते हैं.

कसमार प्रखंड के हिसीम-केदला पहाड़ी शृंखला के अंतर्गत डुमरकूदर गांव के निकट स्थित मृगखोह इस क्षेत्र का मुख्य पिकनिक स्पॉट है. पहाड़, जंगल, झरना तो यहां का आकर्षण है ही, जहां लोगों को शांति और सुकून की अनुभूति होती है, साथ ही भगवान श्रीराम का कथित पदचिह्न होने के कारण भी यह स्थल लोगों का ध्यान खींचता है. शहरी क्षेत्र के लोग भी पिकनिक मनाने यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. मकर सक्रांति पर यहां विशाल टुसू मेला भी लगता है. उस दिन यह स्थल झारखंडी संस्कृति से सराबोर हो उठता है. प्रखंड मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 18 किमी है. हिसीम के रास्ते भी यहां-तक पहुंचा जा सकता है.

चंद्रपुरा से भंडारीदह जाने के क्रम में मिलता है प्रकृति की गोद में बसा इंद्रकुआं. यह जगह चंद्रपुरा से लगभग चार किमी दूर है. जोरिया का साफ जल पत्थरों के बीच से गुजर कर जब चट्टानों से टकराता है तो यह किसी फॉल की अनुभूति देता है. इस जगह की सुंदरता अगल बगल के जंगल बढ़ाते हैं.

एशिया के सबसे बड़ा मिट्टी का बांध तेनुघाट डैम पिकनिक मनाने वालों को पसंदीदा स्थल है. डैम में नौका विहार की भी सुविधा है. स्पिल वे दिशा में झूले नववर्ष के उपलक्ष्य में लगाये जाते हैं. काला पहाड़ भी युवा गाजे-बाजे के साथ जुटते हैं. यह पहाड़ मानो डैम में कुछ दूरी तक डिवाइडर का काम करता है.

कसमार से दीपक सवाल की रिपोर्ट

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