Bokaro News : फुसरो के ताराबेड़ा गांव में मूलभूत सुविधाओं का है अभाव

Bokaro News : आदिवासी बाहुल ताराबेड़ा गांव फुसरो नगर परिषद क्षेत्र में आता है, लेकिन यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं.

By JANAK SINGH CHOUDHARY | April 29, 2025 10:35 PM
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फुसरो, आदिवासी बाहुल ताराबेड़ा गांव फुसरो नगर परिषद क्षेत्र में आता है, लेकिन यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं. मंगलवार को गांव में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं बतायीं. कहा कि फुसरो नगर परिषद के गठन हुए 17 साल हो चुके हैं. हमारा गांव फुसरो नप में जुड़ा तो विकास होने की उम्मीद थी. लेकिन कुछ विशेष काम हुआ नहीं. गांव में सीसीएल से बिजली है. सड़क, नाली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जरूरी सुविधाएं आज तक नहीं मिली हैं. गांव तक पहुंचने के लिए रास्ते जर्जर हैं. गांव में सड़क का शिलान्यास हुआ, लेकिन बनी नहीं है. हाट-बाजार जाने के लिए लोगों को सात किमी दूरी तय करनी पड़ती है. समस्याओं के लिए जनप्रतिनिधि व अधिकारी जिम्मेवार हैं.

शहरी जलापूर्ति योजना का पाइप तक नहीं पहुंचा यहां

बच्चों को पांचवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद जाना पड़ता है फुसरो

ताराबेड़ा गांव में 65 आदिवासी परिवार रहते हैं और आबादी 500 है. गांव में 15 साल पुराना एक सामुदायिक भवन है, जो जर्जर हो चुका है. एक प्राथमिक स्कूल है. आगे का पढ़ाई के लिए बच्चों को सात किमी दूर फुसरो जाना पड़ता है. यहां के लोगों को विस्थापन सुविधा और कोई भी प्रशिक्षण भी नहीं मिलता है. गांव के जोरिया में चेक डैम का भी निर्माण नहीं हो सका है. गांव में अधिकतर खपड़ैल घर हैं. 10-15 पीएम आवास बने हैं.

लोगों ने कहा

अनिल टुडू : गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क की है. गर्मी में पानी के लिए बहुत परेशानी होती है. समस्याओं के बीच किसी तरह से गुजर बसर करना पड़ रहा है.

सानू टुडू : गांव की सड़क जर्जर हो चुकी है. रोजगार के अभाव में युवा पलायन कर रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधा नहीं है. गांव में एक मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है.

महादेव मांझी : फुसरो नगर परिषद से जुड़ने के बाद विकास की उम्मीद थी. लेकिन पूरा नहीं हुआ. गांव में एक सामुदायिक भवन व विवाह भवन तक नहीं है. पानी के लिए परेशानी होती है.

राम टुडू : हमलोगों को रोज भूख व प्यास मिटाने की चिंता रहती है. पेट भरने के लिए मजदूरी करते हैं. प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं. शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा तो दूर की बात है.

किशन टुडू : नेता हमलोगों को वोट बैंक के रूप में उपयोग करते हैं. आवागमन तक की सुविधा नहीं मिली है. प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था नहीं है.

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