Bokaro News: राज्य सरकार की लापरवाही से गिरिडीह के हजारों गांव आज भी प्यासे : सांसद

Bokaro News: केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-25 के दौरान झारखंड को 12,982 करोड़ का आवंटन किया. राज्य सरकार ने अब तक केवल 6,010 करोड़ (46.30%) राशि का ही खर्च कर सकी. लगभग 7,000 करोड़ की राशि आज भी अव्यवहृत है. वर्ष 2019 में केवल 3.45 लाख (5.52%) ग्रामीण परिवारों को नल जल की सुविधा थी. वर्ष 2025 तक यह संख्या 34.42 लाख (55.05%) तक ही पहुंची. 45% ग्रामीण अब भी योजना से वंचित हैं.

By MAYANK TIWARI | August 1, 2025 1:46 AM
an image

गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा में पूछे गये तारांकित प्रश्न के जवाब में प्राप्त उत्तर में झारखंड की राज्य सरकार की नल जल योजना में पूरे देश भर में सबसे पीछे होने पर चिंता जाहिर की. प्रेस बयान जारी कर झारखंड सरकार पर जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित हजारों करोड़ की राशि का लगभग आधा हिस्सा आज भी खर्च नहीं हुआ. इसके कारण झारखंड के करोड़ों ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-25 के दौरान झारखंड को 12,982 करोड़ का आवंटन किया. राज्य सरकार ने अब तक केवल 6,010 करोड़ (46.30%) राशि का ही खर्च कर सकी. लगभग 7,000 करोड़ की राशि आज भी अव्यवहृत है. वर्ष 2019 में केवल 3.45 लाख (5.52%) ग्रामीण परिवारों को नल जल की सुविधा थी. वर्ष 2025 तक यह संख्या 34.42 लाख (55.05%) तक ही पहुंची. 45% ग्रामीण अब भी योजना से वंचित हैं. कहा कि पूरे देश में झारखंड नल से जल पहुंचाने में सबसे पीछे है. गिरिडीह, गुमला, लातेहार जिलों में भी सिर्फ 70% परिवारों को ही कनेक्शन मिल पाया है. सांसद श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता और भारी बजट आवंटन के बावजूद झारखंड सरकार की लापरवाही से गिरिडीह और राज्य के अन्य जिलों में मिशन की प्रगति बेहद धीमी है. जिन इलाकों में आदिवासी और अनुसूचित जाति बहुल आबादी है, वहां आज भी लोग गंदे तालाबों और चापकलों पर निर्भर हैं. यह ना केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि सामाजिक अन्याय भी है.

लंबित फंड का उपयोग करे सरकार

कहा कि जल जीवन मिशन सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की गरिमा से जुड़ा संकल्प है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि लंबित फंड को तुरंत उपयोग करे और सभी गांवों में नल जल आपूर्ति सुनिश्चित करें. सांसद ने यह भी मांग की है कि राज्य सरकार गांव स्तर पर जल जीवन मिशन की प्रगति रिपोर्ट को सार्वजनिक करे और पंचायतों को निगरानी में शामिल करें. यदि राज्य सरकार सक्रिय नहीं होती है, तो यह विषय संसद के माध्यम से देश के सामने बार-बार उठाया जायेगा और स्थिति अगर नहीं सुधरती है तो केंद्र से सीधे हस्तक्षेप करने की मांग करुंगा. कहा कि राज्य सरकार की विफलता का दंश झारखंड की जनता क्यूं झेले और पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए क्यों तरसे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां बोकारो न्यूज़ (Bokaro News) , बोकारो हिंदी समाचार (Bokaro News in Hindi), ताज़ा बोकारो समाचार (Latest Bokaro Samachar), बोकारो पॉलिटिक्स न्यूज़ (Bokaro Politics News), बोकारो एजुकेशन न्यूज़ (Bokaro Education News), बोकारो मौसम न्यूज़ (Bokaro Weather News) और बोकारो क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version