झुमरा पहाड़ में कृषि की असीम संभावना
युवा किसान श्रवण कहते हैं कि झुमरा पहाड़ के गांव में कृषि विकास की असीम संभावनाएं हैं. मनरेगा के तहत वर्ष 2017 में कुआं मिला था. उसी कुएं से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं. कुएं के अलावा डोभा भी इन्हें मिला है. कहते हैं कि डोभा से खेतों की पूरी सिंचाई नहीं हो पाती है. गांव के निकट एक बड़ा तालाब है. हर मौसम इसमें काफी मात्रा में पानी रहता है. यहां से लिफ्ट एरिगेशन के माध्यम से खेतों में पानी पहुंचायी जा रही है. खेतों में पानी आने से हरियाली फैल रही है.
सिंचाई पर दें विशेष ध्यान
50 घरों वाले झुमरा पहाड़ गांव के ग्रामीणों का मुख्य पेशा कृषि है. प्रखंड प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र में कृषि के विकास को लेकर जोर दिया गया है. युवा किसान श्रवण महतो ने कहा कि जमनीजरा, लेडी आम, बलथरवा, सरैयापानी समेत अन्य गांवों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो कृषि का स्वरूप और दिखेगा. गांव के युवा दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करेंगे.
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वृद्ध किसान बतख पालन कर आत्मनिर्भर बने प्रेमचंद महतो
इसके अलावा झुमरा गांव में वृद्ध किसान प्रेम चंद महतो अपने तालाब में करीब चार सौ बतख का पालन कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. वहीं, तालाब के निकट शेड में मुर्गी पालन के साथ कड़कनाथ मुर्गी का भी पालन कर रहे हैं. मनरेगा की ओर से मुर्गी पालन के लिए शेड का भी निर्माण किया गया है,