गालूडीह. गालूडीह के उलदा स्थित माता वैष्णो देवी धाम मंदिर के तृतीय स्थापना दिवस पर रविवार से नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुआ. पहले दिन मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. 3001 महिलाओं ने पीली साड़ी पहन कर सिर पर कलश लेकर गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली. जय माता दी के जयकारों से गालूडीह भक्तिमय हो गया. कलश यात्रा महुलिया उच्च विद्यालय मैदान से सुबह आठ बजे शुरू हुई. जम्मू से आये स्वामी हृदयानंद गिरि जी महाराज खुली जीप पर कलश यात्रा के साथ चल रहे थे, जबकि बजरंगबली का रूप धारण कर कलाकार आगे-आगे चल रहे थे. तीन किमी दूरी तय कर मंदिर पहुंचने के बाद कलश स्थापित कर विशेष पूजा शुरू हुई. पूजा के बाद भक्तों के बीच शरबत और प्रसाद वितरण किया गया. जम्मू के पुजारियों ने करायी पूजा : तृतीय स्थापना दिवस पर विशेष पूजा-अर्चना के लिए जम्मू से पुजारी अनंतश्री विभूषित यानी जम्मू वाले बाबा, बृजभूषण पांडेय, विनय पांडेय, अमित द्विवेदी भी माता के दरबार पहुंचे. पूजा में माता वैष्णो देवी धाम मंदिर के निर्माणकर्ता राजकिशोर साहू, किरण देवी, राहुल शास्त्री शामिल हुए. स्थापना दिवस पर माता वैष्णो देवी धाम को आकर्षक विद्युत से सजाया गया है. रात में खूबसूरत नजारा था. सुबह से रात तक लोगों की भीड़ लगी रही.
तितलियां दे रही थीं आशीर्वाद : स्वामी जी
जम्मू कश्मीर से आये स्वामी हृदयानंद गिरि महाराज ने बताया कि कलश यात्रा के दौरान महिलाओं के सिर पर काफी संख्या में रंग बिरंगी तितलियां उड़ रही थीं, जो कलश यात्रा में शामिल महिलाओं को देवी भगवती तितलियों के रूप में आशीर्वाद दे रही थीं. मुझे यह आभास हुआ कि देवी भगवती स्वयं कलश यात्रा में शामिल थीं.
वैष्णो देवी धाम मंदिर में सांसद ने मत्था टेका
सांसद विद्युत वरण महतो अपनी पत्नी उषा रानी महतो के साथ रविवार को अनुष्ठान में शामिल हुए. उन्होंने माता वैष्णो देवी धाम मंदिर में पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. सांसद और उनकी पत्नी ने स्वामी हृदयनाथ गिरि से भी आशीर्वाद लिया. इसके बाद महाभोग ग्रहण किया. स्वामी जी ने सांसद का हाल जाना.
दुनिया में मां से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं : स्वामी हृदयानंद
गालूडीह. माता वैष्णो देवी धाम मंदिर के तृतीय स्थापना दिवस पर रविवार शाम से नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ हुआ. प्रथम दिन कथावाचक जम्मू से आये स्वामी हृदयानंद गिरि महाराज ने कहा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आशीर्वाद से भी अधिक प्यार, ममता, दुआ मां के सिवा कोई नहीं दे सकता है. दुनिया में मां से बड़ा कोई ग्रंथ नहीं है. इस एक अक्षर में दुनिया की सारी ताकत समाई हुई है. वे लोग अभाग्यशाली होते हैं, जिनके सिर पर मां-बाप का साया नहीं होता है. इसलिए हमेशा माता-पिता का हमेशा आदर करना चाहिए. जीवन के मुश्किल समय मां की दुआ ही तेरे काम आयेगा. दुनिया में मां का दर्जा पिता से भी ऊपर है. जब हम कहीं से अपने घर आते हैं तो सबसे पहले मां को खोजते हैं कि मां कहां हो. पृथ्वी में आने के बाद शिशु सबसे पहला शब्द मां बोलता है. सोचिए जब आपको अपनी मां इतना प्रेम दे सकती है जो जगत की मां भगवती कितनी प्यार करेगी. आगे उन्होंने कहा कि कारागार में देवकी ने एक-एक करके सात बच्चों को जन्म दिया, लेकिन कंस ने उन सभी का वध कर दिया. अब आठवां बच्चा होने वाला था. कारागार में कड़े पहरे बैठा दिए गये थे. उसी समय नंद की पत्नी यशोदा को भी बच्चा होने वाला था. उन्होंने वासुदेव-देवकी के दुखी जीवन को देख आठवें बच्चे की रक्षा का उपाय रचा था. देवी भागवत कथा सुनने भक्तों की भीड़ उमड़ी. आज से नौ दिन लगातार श्रीमद् देवी भागवत कथा होगा. इसके साथ रामवतार, कृष्णावतार, कन्या पूजन, दुर्गावतार प्रसंग भी आयेंगे. 21 को पूर्णाहूति और भंडारा के साथ समापन होगा.
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