धालभूमगढ़. धालभूमगढ़ के नरसिंहगढ़ प्लस टू हाइस्कूल, जो जिले का सबसे पुराना शिक्षण संस्थान है, विभागीय उपेक्षा का शिकार बना हुआ है. विद्यालय में करीब 1400 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन शिक्षकों और कक्षाओं की भारी कमी के चलते पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. विद्यालय में कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए केवल 7 तथा 11वीं-12वीं के लिए 9 शिक्षक ही पदस्थापित हैं, जबकि नामांकन के अनुपात में यह संख्या काफी कम है. महत्वपूर्ण विषयों जैसे गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र और संताली के लिए न तो शिक्षक पदस्थापित हैं और न ही स्वीकृत पदों में वृद्धि की गयी है. कई विद्यालयों में एक विषय के लिए दो-दो शिक्षक हैं, वहीं इस विद्यालय में प्रत्येक विषय के लिए एकमात्र शिक्षक की ही स्वीकृति है.
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