Jharkhand Politics: चंपाई के करीबी विधायक रामदास सोरेन शुक्रवार को लेंगे मंत्री पद की शपथ, रांची रवाना

रामदास सोरेन कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा में चंपाई सोरेन के बाद दूसरे नंबर के नेता का ओहदा रखते हैं. पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में पार्टी में इनसे वरीय नेता दूसरा नहीं है.

By Kunal Kishore | August 29, 2024 8:58 PM
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Jharkhand Politics : घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन शुक्रवार को हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ लेंगे. राजभवन में सुबह 11 बजे उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी जायेगी. सूत्रों के अनुसार, रामदास सोरेन कैबिनेट में चंपाई सोरेन की जगह लेंगे. मुख्यमंत्री ने खुद रामदास सोरेन को यह जानकारी दी है. गुरुवार शाम वे रांची रवाना भी हो गये. रामदास सोरेने ने भी गुरुवार को यह जानकारी दी.

रामदास सोरेन को कब मिली जानकारी ?

गुरुवार की सुबह जिस वक्त रामदास सोरेन को यह जानकारी मिली, वे घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के गालूडीह दौर पर थे. विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि हां, सीएमओ से सूचना आयी है, मुझे शुक्रवार को रांची बुलाया गया है, रांची से सूचना है कि कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलायी जायेगी. सूत्रों के अनुसार, चंपाई सोरेन का इस्तीफा मंजूर किये जाने के बाद रामदास सोरेन को उनकी जगह कैबिनेट में जगह देने की तैयारी पूरी कर ली गयी है.

पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे ईमानदारी से निभाऊंगा : रामदास सोरेन

कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की सूचना पर रामदास सोरेन ने खुशी जाहिर की और कहा उन्होंने पद के लिए कई दावा नहीं ठोका. पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, उसे ईमानदारी से निभाऊंगा. हमारी लड़ाई जल, जंगल जमीन की थी और रहेगी. चंपाई सोरेन को पार्टी ने पूरा सम्मान दिया, पार्टी से बड़ा व्यक्ति नहीं हो सकता.

चंपाई सोरेन के बारे में क्या कहा ?

चंपाई सोरेन मामले में विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि वे बड़े नेता हैं और रहेंगे. उनके साथ बचपन और जवानी के दिन बिताया है. झारखंड आंदोलन में काफी संघर्ष किया. उन्हें हम क्या सलाह दे सकते हैं, हालांकि उन्होंने जो कदम उठाया है, उस पर पार्टी ने उन्हें पुनर्विचार करने को कहा है. पार्टी ने उन्हें शुरू से पूरा सम्मान दिया, इसमें कोई दो राय नहीं है. वे छह बार विधायक रहे, तीन बार मंत्री रहे और उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी भी सौंपी गयी, इससे बड़ा सम्मान पार्टी और क्या दे सकती है. पार्टी से बड़ा कोई व्यक्ति कभी नहीं हो सकता और ना हुआ है, यह मेरा विचार रहा है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक गुरुजी शिबू सोरेन, एके राय और विनोद बिहारी महतो रहे हैं. वे 80 के दशक में झामुमो से जुड़े, गुरुजी जीवित हैं, उनका आदेश पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को मनाना चाहिए.

कोल्हान में चंपाई सोरेन के बाद झामुमो में दूसरे नंबर के नेता हैं रामदास सोरेन

रामदास सोरेन कोल्हान में झारखंड मुक्ति मोर्चा में चंपाई सोरेन के बाद दूसरे नंबर के नेता का ओहदा रखते हैं. पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में पार्टी में इनसे वरीय नेता दूसरा नहीं है. आदिवासी समाज के बीच इनकी अलग पहचान भी है. इसी को ध्यान में रखते हुए हेमंत सोरेन की सरकार ने चंपाई सोरेन की जगह रामदास सोरेन को मंत्देरी बनाने का संभवत: निर्णय लिया है. इसके साथ ही रामदास सोरेन की जिम्मेदारियां भी बढ़ जायेंगी. काफी लंबा और संघर्षपूर्ण राजनीतिक जीवन रहा है.

झारखंड आंदोलन में रहे हैं सक्रिय

विधायक रामदास सोरेन ने घाटशिला से वर्ष 2009 और 2019 में चुनाव जीता है. वर्तमान में वे पूर्वी सिंहभूम जिला झामुमो के अध्यक्ष भी हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा में उनका राजनीतिक जीवन काफी लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है. वे शिबू सोरेन और चंपई सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका में रहे. आंदोलन के दौरान उन पर कई मामले दर्ज हुए. बॉडी वारंट भी जारी हुआ. लंबे राजनीतिक जीवन में पहली बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जायेगा. वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सरकार ने उन्हें जिला परिषद पंचायती राज का सभापति बनाया था. अभी भी वे इस पद पर भी हैं.

रामदास सोरेन को मंत्री बनाने के फैसले से घोड़ाबांधा में खुशी का माहौल

इधर, रामदास सोरेन को मंत्री बनाने की घोषणा होने के बाद घोड़ाबांधा स्थित उनके आवास पर खुशी का माहौल है. झामुमो जिला समिति के कार्यकर्ताओं ने मंत्री बनाये जाने पर खुशी का इजहार किया है. साथ ही, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया है. पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने मंत्री शपथ की शपथ लेने के बाद वापसी पर उनका नागरिक अभिनंदन की तैयारी शुरू कर दी है.

रामदास सोरेन का प्रोफाइल

नाम : रामदास सोरेन (62 वर्ष)विधायक : घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2009 और 2019 में बनेपत्नी : सूरजमनी सोरेन (56 वर्ष)पुत्र : तीन, सोमेन सोरेन, रबिन सोरेन, और रूपेश सोरेनपुत्री : एक, रेणुका सोरेनराजनीति की शुरुआत : वर्ष1980 से झामुमो से शुरुआत, गुड़ाबांधा पंचायत अध्यक्ष रहे, बाद में सचिव बने, जमशेदपुर प्रखंड कमेटी सचिव रहे, अनुमंडल कमेटी सचिव रहे, सिंहभूम जिला में झामुमो में सचिव रहे, 90 के दशक में जिला का विभाजन हुआ, तो पूर्वी सिंहभूम के सचिव बने.

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10 साल से जिलाध्यक्ष

पूर्वी सिंहभूम जिला झामुमो में 10 साल से अध्यक्ष हैं, पार्टी का जिलाध्यक्ष टर्म ढाई साल का होता है, चार बार अध्यक्ष बने.घाटशिला से विधान चुनाव पहली बार 2004 में लड़े: घाटशिला विधान सभा चुनाव से पहली बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो निर्दलीय टोकरी छाप पर लड़े और 36 हजार वोट लाये.

2009 में पहली बार विधान सभा चुनाव जीते

घाटशिला से झामुमो के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और चुनाव जीते, तब 38 हजार से अधिक मत लाये.2014 में मोदी लहर में हार गये चुनाव : दूसरी बार 2015 में घाटशिला विस से चुनाव लड़े, पर मोदी लहर में हार गये, लेकिन झामुमो का मत प्रतिशत बढ़ा. तब 46 हजार मत लाये थे.

2019 में फिर बने विधायक

घाटशिला विस सीट से फिर 2019 में चुनाव लड़े और जीते. 62 हजार से अधिक मत लाये.

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