गुड़ाबांदा. गुड़ाबांदा प्रखंड में सरकारी पदाधिकारी और कर्मचारियों की घोर कमी है. इससे आम जनता परेशान है. प्रखंड कार्यालय बने 17 साल हो गये. कई विभाग आज भी प्रभारी के भरोसे चल रहे हैं. प्रखंड का गठन वर्ष 2008 में हुआ था. इसमें आठ पंचायत हैं, जिसमें चार पंचायत बहरागोड़ा और चार पंचायत घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के अधीन आती हैं. प्रखंड में कुल 93 राजस्व गांव हैं, जहां करीब 60 हजार की आबादी है. सरकारी कर्मियों की कमी कारण से लोगों का काम समय पर नहीं होता है. रोज-रोज कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है.
आधा दर्जन पद रिक्त, दर्जनों प्रभार में
प्रखंड में आधा दर्जन से ज्यादा पद रिक्त और प्रभार में हैं. इनमें प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पशुपालन पदाधिकारी, आपूर्ति पदाधिकारी, बीपीआरओ, बीसीओ, बीएसएस, सीडीपीओ का पद रिक्त है. तीन लिपिक के जगह एक हैं. आठ ग्राम सेवक की जगह सात ही हैं. अंचल कार्यालय में चार सीआइ, लिपिक की जगह तीन है. चार कर्मचारियों की जगह एक है. आउट सोर्स से कंप्यूटर ऑपरेटर और अमीन काम कर रहे हैं. सीओ का वाहन चालक भी नहीं है.
प्रखंड कार्यालय जर्जर, डरे-सहमे रहते हैं कर्मी
प्रखंड व अंचल कार्यालय में एक पदाधिकारी और कर्मचारी को दो-तीन पद का प्रभार सौंपा गया है. वर्तमान में प्रखंड कार्यालय पूरी तरह जर्जर हालत में है. कमरे समेत पूरा भवन जर्जर है. कभी भी हादसा हो सकता है. दीवारों में दरारें पड़ गयी हैं. खिड़की- दरवाजा टूट गये हैं. प्लास्टर उखड़ कर गिर रहा है. कर्मचारियों को हमेशा डर बना रहता है. बनने के बाद से आजतक रंगाई-पोताई तक नहीं हुई है.
रोजाना नहीं आते पदाधिकारी : जिप सदस्य
गुड़ाबांदा के प्रमुख शुभजीत मुंडा ने कहा कि प्रखंड बनने के 17 साल बाद भी स्थिति नहीं बदली है. जिला परिषद सदस्य शिवनाथ मार्डी ने कहा कि गुड़ाबांदा प्रखंड जिला मुख्यालय से सबसे दूर और पिछड़ा है. पदाधिकारी प्रतिदिन यहां नहीं आते हैं.
–कोट–
गुड़ाबांदा प्रखंड में पदाधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से मिल कर जानकारी देंगे. सभी पदों पर कर्मचारियों और पदाधिकारियों की पदस्थापना कराने की प्रयास करेंगे.
– डॉ प्रदीप बलमुचु
——————————————गुड़ाबांदा प्रखंड कार्यालय भवन जर्जर हालत में है. इसे देखते हुए उपायुक्त को जानकारी देंगे. पदाधिकारियों और कर्मचारियों की कमी पर कई बार जिला से पत्राचार किया गया है. आगे भी सूचना डीसी को देंगे.
– डांगुर कोड़ाह
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