चाकुलिया. ध्यान फाउंडेशन चाकुलिया की प्रमुख डॉ शालिनी मिश्रा को मुंबई में “परिवर्तन के वाहक” पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इंडिया टुडे और महिंद्रा समूह ने सीमा पार तस्करी, गांवों और आदिवासी परिवारों के विकास और महिला सशक्तीकरण पर 17 मार्च को मुंबई में पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. ध्यान फाउंडेशन चाकुलिया गौशाला (झारखंड) में बीएसएफ द्वारा तस्करी से बचाये गये 20 हजार से अधिक गौवंश हैं. इनमें अधिकतर नंदी और दूध न देने वाली गौ माताएं हैं. यह पूरे देश की सबसे बड़ी नंदीशाला है. यहां नंदी की आजीवन सेवा की जाती है. बीएसएफ के अनुसार, ध्यान फाउंडेशन के प्रयासों के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा पार तस्करी में भारी कमी आयी है. गौ-तस्करों का जवानों पर हमले कम हुए हैं. गौशाला ने सैकड़ों आदिवासी और ग्रामीण लोगों, विशेषकर महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया है. ध्यान फाउंडेशन जैविक खेती के गुणों पर किसानों को प्रोत्साहित और शिक्षित करके स्थिरता पर विशेष जोर देता है. महिलाओं को गोबर और गौमूत्र से टिकाऊ उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देता है. इसमें गोबर की ईंट, जैविक खाद और कीटनाशक, दाह संस्कार के लिए गोबर की लकड़ियां आदि शामिल हैं.
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