घाटशिला में ईंट-बालू की किल्लत से आवास निर्माण प्रभावितघाटशिला. क्षेत्र में लगातार बारिश और सुवर्णरेखा नदी में उफान के कारण ईंट और बालू की किल्लत हो गयी है. इससे आवास निर्माण कार्य ठप पड़ने के कगार पर है. घाटशिला प्रखंड क्षेत्र में कई ईंट भट्ठों में उत्पादन ठप है, वहीं नदी से बालू उठाव पर भी रोक लगी है. ऐसे में निर्माण सामग्री के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है, जिससे प्रधानमंत्री आवास, अबुआ आवास और जनमन योजना के लाभुकों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023-24 और 2024-25 में घाटशिला प्रखंड में अबुआ आवास योजना के तहत कुल 4250 आवास स्वीकृत हैं, जबकि आदिम जनजाति के लिए जनमन योजना के तहत 110 आवास स्वीकृत किए गये हैं. इनमें से कई लाभुकों को पहली और तीसरी किस्त का भुगतान भी हो चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन लाभुकों ने पहले ही ईंट, बालू, गिट्टी आदि सामग्री खरीद ली थी, वे तो किसी तरह निर्माण कार्य कर पा रहे हैं. लेकिन जिनके पास स्टॉक नहीं है, उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट की कीमत 12 हजार से 13 हजार रुपये प्रति हजार पहुंच गयी है, जबकि बालू 100 सीएफटी के लिए पांच से साढ़े 6 हजार रुपये तक मिल रही है. गिट्टी की कीमत भी साढ़े 6 से बढ़कर 7 हजार रुपये प्रति सीएफटी हो गयी है. हालांकि, छड़ और सीमेंट के दामों में अभी ज्यादा बदलाव नहीं आया है. बड़ाजुड़ी पंचायत के लाभुक रामकृष्ण सिंह के अनुसार हमने पहले से सामग्री स्टोर कर रखी थी, इसलिए काम चल रहा है. लेकिन अब कीमतें इतनी बढ़ गयी हैं कि आगे काम रोकना पड़ेगा. फूलपाल गांव की एक वृद्ध महिला ने कहा कि बरसात में कीमतें बढ़ गयी हैं, स्टॉक खत्म होने के बाद निर्माण रुक जायेगा. पंचायत सचिव और रोजगार सेवकों के अनुसार, वर्तमान में लाभुक निर्माण कार्य में लगे हुए हैं, लेकिन 10-15 दिनों के भीतर कई लोग काम बंद कर सकते हैं.
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