मुसाबनी. मुसाबनी स्थित अग्रसेन भवन में गुरुवार को साहित्य संस्कृति संघ ने कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर ‘रवींद्र संध्या’ समारोह का आयोजन किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. मित्रेश्वर व विशिष्ट अतिथि समाजसेवी रेवा रानी घोष, मिहिर पाल, प्रो. सुबोध कुमार सिंह, प्रो. इंदल पासवान, साधु चरण पाल एवं साधना पाल उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत कविगुरु की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई. संघ की ओर से अतिथियों का स्वागत किया गया. अध्यक्ष डॉ. मुरारी मोहन पात्र ने स्वागत भाषण देते हुए टैगोर के साहित्यिक योगदान को याद किया. संगीता मंडल एवं उनकी टीम ने रबींद्र संगीत और रंगारंग कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. स्वरचित कविताओं और नृत्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को विशेष रूप से यादगार बना दिया. मुख्य अतिथि प्रो. मित्रेश्वर ने टैगोर के योगदान को याद करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन के उस कठिन दौर में उन्होंने शिक्षा, साहित्य और कला के क्षेत्र में “विश्व भारती ” जैसी अनोखी संस्था की स्थापना की. प्रो. इंदल पासवान ने टैगोर के दर्शन और उनके कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. संघ के सचिव वीरेंद्रनाथ घोष ने कहा कि कविगुरु की विचारधारा आज भी समाज को दिशा दे रही है.
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