गालूडीह. गालूडीह के उलदा स्थित माता वैष्णो देवी धाम के तृतीय स्थापना दिवस पर नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथावाचक स्वामी हृदयानंद गिरि महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा कि हम किसी भी बात को बोलते समय दो में से एक कार्य जरूर करते हैं. हम मधुर बोल कर किसी को दिल में बसा लेते हैं या फिर कटु बोलकर किसी के दिल से उतर जाते हैं. कटु बोलने वाले अपने घर वालों की नजर से भी उतर जाते हैं. उन्होंने कहा कि शरीर पर लगा घाव ठीक हो सकता है, लेकिन जुबान से लगे घाव को हकीम या डॉक्टर ठीक नहीं कर सकता. दुनिया में जुबान ही एक ऐसी चीज हैं जहां अमृत व जहर एक साथ रहते हैं. अच्छे ढंग से बोलोगे तो अमृत बरसायेगी. गलत तरीके से बोलोगे तो जहर उगलेगी. जुबान को सुंदर बनाने की पहल करें. आंखों का काजल, होठों की लाली, सुबह से शाम होने तक फीकी पड़ जायेगी, लेकिन जुबान की मधुरता जीवन भर सुंदर बनाये रखेगी. वाणी की शालीनता ही आपके व्यक्तित्व की पहचान कराती है. यदि जुबान के पक्के नहीं हो तो हर जगह असफलता मिलेगी. अच्छा बोलना उन्नति की निशानी है. बुरा बोलोगे तो पतन निश्चित है.
संबंधित खबर
और खबरें