डुमरिया. डुमरिया प्रखंड में आदिम जनजाति सबरों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. टुना सबर और उनकी पत्नी सोमी सबर इसका उदाहरण हैं. टुना सबर चर्म रोग से पीड़ित थे. उनका इलाज पूर्व उपायुक्त विजया जाधव की पहल पर जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में कराया गया था. उन्हें नयी जिंदगी मिली. उनके रहने की व्यवस्था डुमरिया के पुराने पंचायत भवन में की गयी थी. बीडीओ साधुचरण देवगम के कार्यकाल में टुना सबर दंपती को राशन मिलता था. उनके स्थानांतरण के बाद राशन मिलना बंद हो गया. वर्तमान में केंदुआ पंचायत की मुखिया फूलमनी मुर्मू उनके लिए चावल मुहैया कराती हैं. सरकारी राशन, पेंशन और राशन कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. टुना सबर और सोमी सबर वृद्ध और बीमार होने के कारण काम नहीं कर पाते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है. टुना सबर दंपती का राशन कार्ड नहीं है. इसके कारण डाकिया योजना और पेंशन से वंचित हैं. मुखिया फूलमनी मुर्मू ने कई बार राशन कार्ड के लिए आवेदन किया, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ. छात्र नेता उदय मुर्मू भी टुना सबर की आर्थिक मदद करते हैं.
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