डुमरिया. डुमरिया प्रखंड की कुमड़ाशोल पंचायत के हातीबारी गांव निवासी झूमी कर तरबूज व कोहड़ा की खेती कर लखपति दीदी बन गयी हैं. तरबूज से उनका खेत भरा पड़ा है. इस बार तरबूज थोड़ा देर से निकला, लेकिन काफी मिठास होने के कारण 20 रुपये किलो हाथों हाथ बिक रहा है. एक- एक तरबूज आठ से दस किलो का है. व्यापारी खेत आकर तरबूज व कोहड़ा खरीदकर ले जा रहे हैं. कोहड़ा व लौकी का उत्पादन भी भरपूर हुआ है. उसे भी 10-15 रुपये किलो की दर से व्यापारी खेत से ले जा रहे हैं. झूमी कर कहती हैं इस खेती में पति शैलेंद्र कर पूरा सहयोग करते हैं. पहले पति ही छोटे आकार में खेती करते थे. कुछ साल से मैंने बेहतर खेती करने का जिम्मा उठाया. दुर्भाग्य से पहले साल पानी की कमी के कारण तरबूज सुखकर बर्बाद हो गया. इसमें लगभग 30 हजार रुपये का नुकसान हुआ. पर मैंने हिम्मत नहीं हारी. आगे भी खेती जारी रखी. आज बेहतर आमदनी हो रही है. लगभग तीन बीघे खेत में तरबूज की खेती की है. तरबूज व कोहड़ा के अलावे प्याज, खीरा, लौकी, बींस तथा टमाटर की खेती भी की है. खेती के लिए कहीं से प्रशिक्षण भी नहीं मिला है. विभाग की ओर से कोई प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिली है. बस बेहतर खेती करने का जुनून तथा पति के सहयोग व प्रोत्साहन से यह संभव हो सका है. इन सबकी मिश्रित खेती से हर साल एक लाख से अधिक की कमाई कर लेती हैं.
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