वैज्ञानिक बोले-एक ही समय पर एक ही स्थान पर चारा न डालेंगालूडीह. रोहणी नक्षत्र के बाद खरीफ के मौसम में धान का बीज(चारा) डालने का सही समय है. चारा तैयार होने में करीब 20 दिन लगता है. इसके बाद धान रोपनी का सही समय 10 जून से शुरू हो जाता है. इस क्षेत्र के किसान अगस्त तक रोपनी करते हैं. खरीफ में धान की खेती का समय आ गया है. मई माह खत्म होने को हैं. किसान खेत तैयार करने में जुट जाये. खासकर जिस खेत में धान का चारा डालेंगे उसे तैयार कर लें. रोहणी नक्षत्र के बाद हर हाल में चारा डाल दें. चारा एक ही बार एक ही जगह ना डालें. कुछ-कुछ अंतराल में अलग-अलग जगह डालें, तो एक मरेगा तो दूसरा काम आयेगा. इसकी जानकारी दारीसाई क्षेत्र अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ देवाशीष महतो ने दी. उन्होंने बताया की दारीसाई क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र में धान के कई किस्मों के प्रमाणित और आधार बीज करीब 100 क्विंटल उपलब्ध हैं. यहां से किसानों को धान बीच मिलेगा. किसान मानसून की बारिश को देखते हुए समय अवधि में तैयार होने वाले धान बीज का ही प्रयोग करें. अधिक समय मिलेगा तो एमटीयू 7029 (सुवर्णा) का उपयोग करें. कम समय मिलेगा तो बिरसा विकास धान के किस्में उपयोग करें. डॉ देवाशीष महतो ने बताया कि अभी प्री मॉनसून चल रहा है. 10 जून तक झारखंड में मॉनसून आने की संभावना है. किसान तैयार रहेंगे तो समय बर्बाद नहीं होगा.
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