साहिबगंज सदर अस्पताल में भर्ती पैरडीह गांव की महिला सोनी देवी (35) की मौत के बाद बुधवार को परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही और समय पर चिकित्सकीय देखरेख न मिलने के कारण महिला की मौत हुई है. बताया गया कि सोनी देवी को तीन जुलाई को शुगर सहित अन्य समस्याओं के चलते महिला वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान बुधवार की सुबह तबीयत बिगड़ी और चिकित्सक डॉ. आकाश ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतका के चचेरे भाई अनुज कुमार झा ने बताया कि पिछले दो दिनों से महिला को देखने कोई चिकित्सक नहीं आये. सिर्फ नर्सों के भरोसे महिला को छोड़ दिया गया था, जिसके चलते उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गयी. अनुज ने कहा कि अगर समय रहते डॉक्टर मरीज की गंभीर स्थिति से अवगत कराते, तो उन्हें बाहर ले जाकर बेहतर इलाज दिलाने का प्रयास किया जा सकता था. परिजनों ने यह भी बताया कि मृतका के चार छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल का अब कोई सहारा नहीं बचा है. उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. घटना के बाद अस्पताल परिसर में कुछ समय के लिए अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. महिला की मौत के बाद नाराज परिजनों ने शव को साहिबगंज शहर के कारगिल चौक पर लाकर प्रदर्शन किया और जमकर हंगामा किया. घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना प्रभारी दिनेश महली और अंचलाधिकारी ऋषिराज मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने परिजनों को समझाया और शांति बनाये रखने की अपील की. प्रशासन की पहल के बाद परिजन शांत हुए और शव को लेकर अपने गांव पैरडीह लौट गये. महिला का अस्पताल में समुचित इलाज किया गया था. दवाएं समय पर दी गयीं. मरीज गैसपीन (अत्यधिक गंभीर अवस्था) में थी, इसलिए उसे रेफर करने की आवश्यकता नहीं समझी गयी और अस्पताल में ही इलाज जारी रखा गया. इसी दौरान दुर्भाग्यवश मौत हो गयी. चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाना उचित नहीं है. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं रही है.
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