गोड्डा का सिल्क गांव के रूप में ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी पहचान बनाने वाला ठाकुरगंगटी प्रखंड का भगैया गांव सुर्खियों में है. हालांकि भगैया को सिल्क गांव के रूप में पूरी तरह से स्थापित करने का काम गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने किया है. करोडों की राशि खर्च कर भगैया गांव में रेशम वस्त्र बुनकरी व उद्योग को बढ़ावा देने का काम डॉ श्री दुबे ने किया है. उनके पद्वारा मेगा कलस्टर केंद्र देश के लोगों को आकर्षित करने का करने का काम किया है. हालांकि फिलहाल भगैया के सिल्क की खूब चर्चा के साथ खरीदारी भी हो रही है. खासतौर पर आने वाले दुर्गा पूजा को लेकर भगैया के सिल्क की साड़ी बंगाल के कोलकाता में अपनी धाक जमा रखा है. महिलाओं की खरीदारी में पहली पसंद के रूप में सिल्क की साड़ी को लेकर बंगाल से आकर व्यापारी व स्थानीय भगैया के व्यापारी थाेक में साड़ी के अलावा सूट व अन्य सामग्री बंगाल ले जा रहे हैं. कोलकाता में साड़ियों को दशहरा पूजा के दौरान महिलाएं खूब पसंद कर रही हैं. मध्य से लेकर उच्च आय वाले घर की महिलाओं की पसंद सिल्क साड़ी व युवतियों की पसंद सिल्क के सूट तथा दुपट्टा है. सिल्क में कई तरह के रंगों के अलावा खास कर सफेद में पिंक पाड़ वाली साड़ी तथा टेस लाल व गुलाबी साड़ियां भी सुहागिनों की प्रतीक के रूप में खरीदी जा रही है. ऐसे साड़ियों की कीमत सामान्य तौर पर तीन से लेकर 40 से 50 हजार तक आ रही है.
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