मेहरमा प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर गांव में हो रहे नौ दिवसीय श्रीश्री 1008 नौ कुंडीय लक्ष्मी नारायण यज्ञ का समापन सातवें दिन हो गया. यज्ञ को लेकर बनारस से आये यज्ञाचार्य महामंडलेशवर गर्गाचार्य जी महाराज, उपाचार्य शैलेंद्र शास्त्री जी महाराज व उनके साथ आये पंडितों की टोली द्वारा यज्ञ को लेकर हवन कराया गया. वहीं मुख्य यजमान रमेश प्रसाद सिन्हा व नौ कुंड में बैठे यजमानों द्वारा हवन किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में पहुंचे महिला व पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा यज्ञ मंडप के चारो ओर घुमकर तिरपेखन दिया गया. यज्ञ के सातवें दिन कथा वाचिका साध्वी अंजली शर्मा ने भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डाला. आये श्रद्धालुओं को बताया कि लोग कथा तो सुनने आते हैं, मगर अपने अंदर उस बात को नहीं उतारते हैं. बताया कि लोग कथा का श्रवण कर घर जाते हैं और अपने से बड़ों का मां-पिता, सास-ससुर का सम्मान नहीं करते हैं. ऐसे कथा को सुनने से कोई फायदा नहीं हो सकता. साध्वी ने कहा चाहे कितना भी पूजा पाठ कर लो और बड़ों का सम्मान व घर में बड़ों को प्रणाम न करो. ऐसे पूजा से कोई लाभ नहीं हो सकता. कथा के दौरान आये श्रद्धालुओं को बताया कि सबसे बड़ा पूजा है माता पिता का सम्मान करना. वहीं भागवत कथा के दौरान कथा वाचिका द्वारा भक्ति भजन से श्रद्धालु खूब झूमे. मौके पर मौजूद कमेटी के सदस्य सुमन कुमार, शैलेंद्र सुमन, विवेक कुमार, राजेश कुमार, बिनित कुमार, चंदन कुमार, मनोज सिन्हा, प्रभाष कुमार सिन्हा व्यवस्था में लगे हुए थे.
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