गोड्डा जिले में शुक्रवार की रात सर्पदंश की तीन अलग-अलग घटनाओं में तीन मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गयी, जबकि तीन अन्य का इलाज चल रहा है. इनमें दो सगे भाई-बहन की एक घंटे के अंतराल पर मौत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया. घटनाओं में झाड़-फूंक पर विश्वास करने की प्रवृत्ति के कारण बच्चों को समय पर चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल सकी, जिससे जान नहीं बच पायी. मिली जानकारी के अनुसार सदर प्रखंड अंतर्गत सैदापुर गांव में शुक्रवार की रात जहरीले सांप के काटने से सगे भाई-बहन की मौत हो गयी. मृत बच्चों की पहचान 11 वर्षीय आदित्य कुमार एवं 13 वर्षीय स्तुति कुमारी, पिता हीरालाल राउत के रूप में हुई है. घटना रात लगभग 10-11 बजे के बीच की है, जब दोनों बच्चे अपने घर में सोये हुए थे. इसी दौरान किसी विषैले सांप ने पहले आदित्य को डंसा. परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने ले गये. इसी बीच जब वे घर लौटे, तो देखा कि बड़ी बेटी स्तुति के मुंह से झाग निकल रहा है. तुरंत उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. करीब एक घंटे तक चले इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के अनुसार यदि समय रहते अस्पताल लाया जाता तो बच्ची की जान बच सकती थी. एक साथ बेटे और बेटी की मौत ने माता-पिता को पूरी तरह तोड़ दिया है. अस्पताल परिसर में उनका रो-रोकर बुरा हाल था. गांव में भी मातम छा गया है. आसपास के ग्रामीण और सगे-संबंधी परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे. वहीं दूसरी दर्दनाक घटना पोड़ैयाहाट प्रखंड के निपनिया पंचायत स्थित सुंदरमोड़ गांव के राय टोला में हुई. यहां 12 वर्षीय रौशन कुमार राय, पिता जवाहर राय को सर्प ने डंस लिया. इस मामले में भी परिवार वालों ने पहले झाड़-फूंक का सहारा लिया. इलाज में देरी के कारण रौशन की भी मौत हो गयी. मृतक के पिता मजदूरी के सिलसिले में बाहर रहते हैं. बेटे की मौत की सूचना मिलते ही वे गांव के लिए रवाना हो गये हैं.
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