राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नयी दिल्ली एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा), रांची के निर्देश पर सोमवार को गोड्डा व्यवहार न्यायालय में विशेष मध्यस्थता अभियान की औपचारिक शुरुआत की गयी. यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर तक 90 दिनों तक चलेगा. इस अवसर पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) रमेश कुमार ने की. उन्होंने न्यायालय सभागार में सभी न्यायिक पदाधिकारियों एवं पैनल मीडियेटरों के साथ अभियान को सफल बनाने को लेकर चर्चा की. जिला न्यायाधीश रमेश कुमार ने बताया कि यह राष्ट्रव्यापी अभियान नालसा और सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता व सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों के बोझ को कम करना तथा पक्षकारों को आपसी समझौते के माध्यम से न्याय दिलाना है. अभियान के अंतर्गत मध्यस्थता के लिए उपयुक्त लंबित मामलों की सुनवाई की जाएगी, जिनमें सड़क दुर्घटना मुआवजा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, आपराधिक समझौतायोग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, पारिवारिक संपत्ति विवाद, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य सिविल एवं राजस्व प्रकरण शामिल हैं. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान विशेष रूप से समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के लिए कानूनी सहायता को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मौके पर सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं मध्यस्थ उपस्थित रहे.
संबंधित खबर
और खबरें