पोड़ैयाहाट प्रखंड में अधिकारियों की भारी कमी प्रतिनिधि पोड़ैयाहाट. पोड़ैयाहाट प्रखंड में अधिकारियों की भारी कमी और जिम्मेदारियों का असंतुलित बंटवारा प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है. एक बड़े प्रखंड के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र में विकास कार्यों की गति सुस्त पड़ गई है, जिससे आमजन को आवश्यक सुविधाओं और सेवाओं के लिए जूझना पड़ रहा है. इस प्रखंड की 31 पंचायतों में प्रशासनिक जिम्मेदारियां सीमित संख्या में कार्यरत जनसेवकों के भरोसे चल रही हैं, जिससे व्यवस्था चरमरा गई है. गोड्डा सीओ ऋषि राज के पास लगभग दो माह से पोड़ैयाहाट प्रखंड का अतिरिक्त प्रभार है, जिसके कारण समय पर विकास कार्यों की समीक्षा नहीं हो पा रही है. यही स्थिति अन्य पदों पर भी बनी हुई है. बीएओ का पद रिक्त है और इसका दायित्व जनसेवक आदित्य कुमार निभा रहे हैं. वहीं, एमओ का कार्य भी जनसेवक गौतम कुमार संभाल रहे हैं, और एफसीआई गोदाम का प्रबंधन जनसेवक अमित कुमार के जिम्मे है. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी का पद विगत तीन वर्षों से खाली है, जिसे फिलहाल जनसेवक राजीव कुमार देख रहे हैं. इसके अलावा प्रधान लिपिक का पद भी रिक्त है और मात्र दो लिपिकों के सहारे समस्त कार्यालयीन कार्य संचालित हो रहे हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या चार है. यह स्थिति कार्य की गुणवत्ता और गति, दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है. प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी का पद भी तीन वर्षों से खाली है. पूर्व पदाधिकारी अशोक यादव का स्थानांतरण तीन वर्ष पूर्व हो गया था, परंतु तब से अब तक इस पद की पूर्ति नहीं हो सकी है. पशुपालन पदाधिकारी और शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का पद भी रिक्त पड़ा है. शिक्षा विभाग की मॉनिटरिंग पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. तीन माह पूर्व शांति मरांडी के सेवानिवृत्त होने के बाद इस पद पर किसी की स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है. वर्तमान में दूसरे प्रखंड के अधिकारी अतिरिक्त प्रभार के तहत कार्य देख रहे हैं, जिससे अपेक्षित कार्य निष्पादन संभव नहीं हो पा रहा है. इस प्रखंड में 31 पंचायतों के कार्य संचालन के लिए मात्र 10 पंचायत सेवक और 9 जनसेवक कार्यरत हैं. कार्यभार का यह असमान वितरण न केवल अधिकारियों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है, बल्कि आम जनता की समस्याओं के समाधान में भी बाधा बन रहा है. स्थानीय ग्रामीण जैसे फ्रांसिस सोरेन, नरेश यादव, संतोष भगत, अनुपम प्रकाश आदि का कहना है कि जब तक सभी विभागों में पदस्थापना नहीं होगी, तब तक ग्रामीण समस्याओं का समय पर समाधान संभव नहीं है. अधिकारियों की स्थायी तैनाती से ही विकास कार्यों को गति मिल सकेगी और आमजन को राहत मिल पाएगी. ——————————————————– क्या है स्थिति क्रम संख्या पद का नाम स्थिति वर्तमान में प्रभार संभालने वाले कैसे चल रहा काम 1 बीडीओ अतिरिक्त प्रभार गोड्डा सीओ ऋषि राज 2 माह से अतिरिक्त प्रभार में कार्यरत 2 बीएओ रिक्त जनसेवक आदित्य कुमार स्थायी पदाधिकारी नहीं 3 एमओ रिक्त जनसेवक गौतम कुमार कार्य का अतिरिक्त दायित्व 4 एफसीआई गोदाम प्रबंधक रिक्त जनसेवक अमित कुमार कार्य संभाल रहे हैं 5 प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी 3 वर्षों से रिक्त जनसेवक राजीव कुमार लंबे समय से स्थायी नियुक्ति नहीं 6 प्रधान लिपिक रिक्त — कुल 4 स्वीकृत पदों में मात्र 2 लिपिक कार्यरत 7 प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी 3 वर्षों से रिक्त — पूर्व पदाधिकारी अशोक यादव का तबादला हो चुका 8 प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी रिक्त — पद खाली 9 प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रिक्त अन्य प्रखंड के अधिकारी (अतिरिक्त प्रभार) पूर्व पदाधिकारी 3 माह पूर्व सेवानिवृत्त 10 पंचायत सेवक 10 कार्यरत — 31 पंचायतों के लिए अपर्याप्त 11 जनसेवक 9 कार्यरत — कार्यभार अधिक, संख्या कम —————————————– क्या कहते हैं बीडीओ पदाधिकारियों की कमी प्रखंड में है. इसे लेकर वरीय अधिकारी जब रिपोर्ट मांगते हैं उस में रिक्त पदों की संख्या के बारे में जानकारी दी जाती है. हालांकि विकास कार्य प्रभावित नहीं हो इसको लेकर पूरी तरह से पदाधिकारियों को सजग रहने का निर्देश दिया जाता है. – फुलेश्वर मुर्मू , बीडीओ, पोड़ैयाहाट ———————————– अधिकारियों के बजाय जनसेवकों के भरोसे चल रहा है प्रखंड प्रशासन 31 पंचायतों पर सिर्फ 10 पंचायत सेवक और 9 जनसेवक का बोझ प्रखंड में शिक्षा, कृषि, पशुपालन समेत कई विभाग बिना प्रभारी के
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