स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से विभिन्न स्थानों पर शौचालयों का निर्माण कराया गया, लेकिन पोड़ैयाहाट प्रखंड परिसर में बनी एक शौचालय भवन इस उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रही है. 15वें वित्त आयोग एवं पीएचईडी विभाग द्वारा तीन लाख रुपये की लागत से निर्मित यह शौचालय तीन वर्षों से ताले में बंद है. शौचालय का निर्माण तो हो गया, लेकिन उसका उपयोग आज तक नहीं हुआ. धीरे-धीरे इसका रंग-रोगन भी झड़ने लगा है, जिससे यह उपेक्षा का शिकार होता प्रतीत हो रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि जब से शौचालय का निर्माण हुआ है, तब से आज तक किसी ने इसका उपयोग नहीं किया, क्योंकि शौचालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. पानी के अभाव में ग्रामीणों को मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ रहा है, जिससे न केवल स्वच्छता प्रभावित हो रही है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ गया है. ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या को लेकर अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. लाखों की लागत से बने इस शौचालय भवन का उद्देश्य ग्रामीणों को स्वच्छता सुविधा उपलब्ध कराना था, लेकिन योजना के संचालन में लापरवाही ने इसे विफल बना दिया है. अब ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि शौचालय की स्थिति में शीघ्र सुधार कर इसे उपयोग योग्य बनाया जाए, ताकि स्वच्छ भारत मिशन का वास्तविक लाभ आम लोगों तक पहुंचे.
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