पथरगामा अस्पताल में शुक्रवार को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के दौरान चिकित्सा प्रभारी डॉ मोहन पासवान ने डेंगू के लक्षण, जांच, उपचार एवं बचाव के तरीके बताये. बताया गया कि डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है, जो वायरस के कारण होता है. संक्रमित मादा एडिस मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. एडिस मच्छर साफ पानी में अंडे देती है. बताया गया कि अपने घर के आसपास एवं घर के कूलर, बाल्टी, फूलदान, फ्रिज के ट्रे व खाली नारियल में जमे पानी में डेंगू अंडा दे सकता है. इससे सचेत रहने की जरूरत है. बताया कि एडिस मच्छर के काटने के 4 से 10 दिन के अंदर डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं. तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, शरीर पर दाने भरना, पिछले हिस्से में दर्द, थकान, भूख न लगना, उल्टी, मतली आदि लक्षण हैं. गंभीर मामलों में आंख, नाक, आंत, मसूढ़े आदि अंगों से रक्तस्राव होने लगता है. ये लक्षण 2 से 7 दिनों तक बने रहते हैं. संक्रमित मरीज समय पर उपचार होने से स्वस्थ हो जाता है. पूरी तरह स्वस्थ होने में लगभग दो सप्ताह लग सकता है. चिकित्सक ने डेंगू की जांच के संबंध में बताया कि सामान्य रक्त परीक्षणों में डेंगू वायरस की उपस्थिति की जांच और रक्त कोशिकाओं, हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स की गिनती की जांच शामिल होती है. प्राथमिक जांच एनएस वन एंटीजन टेस्ट द्वारा किया जाता है.
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