जारी और कामडारा के स्टेडियम बदहाल, खिलाड़ियों के सपनों पर फिरा पानी
जारी और कामडारा के स्टेडियम बदहाल, खिलाड़ियों के सपनों पर फिरा पानी
गुमला. जिला प्रशासन की उपेक्षा ने जारी और कामडारा प्रखंड के स्टेडियमों को बदहाली की कगार पर ला खड़ा किया है. शहीद अलबर्ट एक्का की धरती जारी का बुमतेल स्थित स्टेडियम आज खंडहर में तब्दील हो चुका है. वहीं कामडारा में बेसिक स्कूल परिसर में बना स्टेडियम मैदान उबड़-खाबड़ और जल जमाव से परेशान है. दोनों ही जगहों पर खिलाड़ियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे स्थानीय खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं. जारी से जयकरण महतो व कामडारा से सतीश बड़ाइक की रिपोर्ट.
जारी का स्टेडियम बना खंडहर, खिड़की-दरवाजे तक गायब
परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का के गांव जारी प्रखंड के बुमतेल में बना स्टेडियम अब देखरेख के अभाव में खंडहर हो चुका है. भवन में खिड़की-दरवाजा नहीं है, न ही पीने के पानी की कोई व्यवस्था है. स्टेडियम में न तो नियमित देखरेख होती है और न ही कोई स्थायी कर्मचारी नियुक्त है. कभी-कभी स्थानीय स्तर पर फुटबॉल प्रतियोगिताएं होती हैं, पर सुविधाओं की कमी खिलाड़ियों को हतोत्साहित कर रही है.
कामडारा स्टेडियम में जलजमाव, न चेंजिंग रूम, न सुविधाएं
कामडारा प्रखंड मुख्यालय के पास बेसिक स्कूल मैदान में बना स्टेडियम भी खराब स्थिति में है. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इसका निर्माण कराया गया था, पर अब तक ग्राउंड की मरम्मत नहीं की गयी. बारिश में मैदान में पानी भर जाता है, जिससे खेलना मुश्किल हो जाता है. मैदान के किनारे बनी घेराबंदी व दर्शक मंच भी कई जगहों से टूट चुके हैं. खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम तक नहीं है. उन्हें खुले में कपड़े बदलने पड़ते हैं. पेवेलियन भवन का निर्माण 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन आज तक विभागीय हैंडओवर नहीं हुआ है.
स्टेट लेवल खिलाड़ी नंगे पांव खेलने को मजबूर : खेल संयोजक
ग्रामीण खेल संयोजक कृष्णा उरांव ने बताया कि गांवों में न समतल ग्राउंड है और न ही बुनियादी खेल सुविधाएं. स्टेट लेवल के खिलाड़ी तक नंगे पांव खेलने को मजबूर हैं, जिससे वे चोटिल हो रहे हैं. अगर प्रशासन समय रहते ध्यान न दे, तो खेल प्रतिभाओं का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है