हजारीबाग. कैथोलिक महागिरजाघर, हजारीबाग में रविवार को बच्चों को कैथोलिक विधि के अनुसार परम प्रसाद संस्कार दिया गया. इस अवसर पर मुख्य अनुष्ठाता फादर रेमंड, पल्ली पुरोहित फादर केजे एंथोनी और फादर विजय ने मिस्सा पूजा करायी. पल्ली पुरोहित ने कलीसिया को संबोधित करते हुए कहा कि परम प्रसाद ग्रहण करना ईसाई धर्मावलंबियों के लिए पहला और महत्वपूर्ण संस्कार है. यह ईसाई समुदाय के सात पवित्र संस्कारों में से एक है, जो ईश्वर और मनुष्य के बीच एक मजबूत बंधन स्थापित करता है. मिस्सा पूजा के दौरान बच्चों को प्रभु यीशु मसीह के शरीर और लहू को ग्रहण करने और इसे अनुभव करने की शिक्षा दी गयी. धर्म शिक्षा और संस्कार की सभी विधियों का प्रशिक्षण सिस्टर अरुपा सीएमसी द्वारा दिया गया. इस पूजा में बच्चों ने परम प्रसाद ग्रहण किया. सभी बच्चों को प्रमाण पत्र और रोजरी माला प्रदान की गयी. कोर्रा टोला के गायक दल ने अपने मधुर गीतों से समारोह को भक्तिमय बना दिया. अनुष्ठान को सफल बनाने में पल्ली पुरोहित फादर एंथोनी, प्रचारक फरदिनंद लकड़ा, सिस्टर अरुपा सीएमसी, आलोक टोप्पो, कैथोलिक सभा अध्यक्ष पीटर पौल टोप्पो और सभा के अन्य सदस्यों ने विशेष योगदान दिया.
संबंधित खबर
और खबरें