अवैध खदान में फंसे मजदूरों को बचाने की कोशिशें तेज

कंडाबेर व बारियातु की सीमा पर स्थित अवैध कोयला खदान में फंसे तीन लोगों का पिछले 48 घंटे से कोई अता पता नहीं है.

By PRAVEEN | May 23, 2025 8:52 PM
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केरेडारी. कंडाबेर व बारियातु की सीमा पर स्थित अवैध कोयला खदान में फंसे तीन लोगों का पिछले 48 घंटे से कोई अता पता नहीं है. प्रशासन की ओर से अवैध कोयला खदान से पानी निकालने का काम किया जा रहा है. इसके लिए 15 छोटे-बड़े पंपसेट कोयला खदान के मूल में लगाया गया है. खदान से पानी निकालने का काम 22 मई की शाम पांच बजे शुरू हुआ था. जिला प्रशासन ने राहत बचाओ कार्य में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ टीम को भी पत्र भेजा है. घटनास्थल पर केरेडारी सीओ रामरतन वर्णवाल और थाना प्रभारी राहत बचाओ कार्य की निगरानी कर रहे हैं.

खावा नदी में अचानक बाढ़ से तीन मजदूर फंसे हैं

केरेडारी कंडाबेर के खावा नदी के किनारे कोयले की अवैध उत्खनन कई सालों से चल रहा था. इस खदान से बड़े पैमाने पर कोयले की उत्खनन होता था. 21 मई की दोपहर करीब तीन बजे अचानक बारिश शुरू होने से खावा नदी में बाढ़ आ गयी. अवैध खदान में बाढ़ की पानी घुसने से तीन लोग फंस गये, जिसमें प्रमोद साव, उमेश कुमार और नौशाद आलम के नाम शामिल है. सभी कंडाबेर गांव के रहनेवाले हैं.

गांव में पसरा मातम

कोयला खदान में तीन लोगों के फंसने के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है. कंडाबेर अवैध उत्खनन स्थल पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. शुक्रवार को पीड़ित तीनों परिवारों के घर चूल्हा नहीं जला. पड़ोसियों ने उनके घरों में खाने पीने के सामान पहुंचाया. प्रमोद साव की पत्नी व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. प्रमोद के पिता रीतलाल साव ने कहा कि वृद्धा अवस्था में घटनास्थल पर जाने की हिम्मत नहीं हो रही है. अगल-बगल के लोगों ने बताया कि प्रमोद बाढ़ के पानी में खदान में घुस गया है. भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी तरह उसकी लाश हमलोगों को मिल जाये. पानी सुखाने के लिए एनटीपीसी द्वारा मोटर पंप दिया गया है. इसमें से एक ही चल रहा है. खदान में फंसे नौशाद के पिता मो बदरूद्दीन अंसारी ने बताया कि इस घटना के बाद किसी भी हाल में हमें चैन नहीं मिल रहा है. अल्लाह का रसूल जाने नौशाद किस हाल में है. हमारी बाजुओं में अब इतनी ताकत नहीं कि चार छोटे-छोटे बच्चों को पाल सकूं. लापता उमेश की मां फगुनी देवी ने बताया कि मेरा बेटा बसरिया गांव से मजदूरी कर लौट रहा था. इसी बीच खावा नदी में बाढ़ आ गयी और उमेश अवैध कोयला खदान में बहता हुआ चला गया.

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