हजारीबाग. हजारीबाग जिले में 252 बीपीएल परिवारों के बच्चों को 19 निजी विद्यालयों में निःशुल्क नामांकन दिया जाना था, जिसकी फीस सरकार वहन करेगी. हालांकि, 2025-26 शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के दो महीने बीतने के बावजूद अब तक नामांकन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, जिससे विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. सबसे अधिक 151 बच्चों का नामांकन शहरी क्षेत्र में होना था, जबकि अन्य प्रखंडों के विभिन्न विद्यालयों में भी बच्चों को प्रवेश दिया जाना था. शिक्षा विभाग ने मार्च में 500 से अधिक आवेदन स्वीकार किये थे, जिनकी जांच पूरी हो चुकी है. अब उपायुक्त की सहमति मिलने के बाद अंतिम सूची जारी की जायेगी.
कहां कितना नामांकन
शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक 151 नामांकन होगा. वहीं, बड़कागांव में आठ, इचाक, चौपारण व बरकट्ठा प्रखंड में 20-20, कटकमदाग में 23 तथा कटकमसांडी प्रखंड में 10 बीपीएल बच्चों का नामांकन निजी स्कूल लेंगे. इसमें डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी के कक्षा एलकेजी में आठ, डिवाइन पब्लिक स्कूल गंगपाचो के क्लास वन में 20, सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल चौपारण के क्लास वन में 20, दिल्ली पब्लिक स्कूल के क्लास वन में 15, जैक एंड जिल स्कूल सिंघानी के क्लास नर्सरी में 10, लॉर्ड कृष्णा स्कूल अमृत नगर के क्लास वन में 10, संत पॉल स्कूल के क्लास वन में 10, सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारटोली के क्लास वन में 10, नेशनल पब्लिक स्कूल के क्लास वन में 15, सबसे अधिक संत स्टेफन स्कूल के क्लास वन में 25, श्रीराम कृष्ण शारदा मठ एंड मिशन के क्लास नर्सरी में 12, माउंट एगमाउंट के क्लास एलकेजी में 15, डीएवी पब्लिक स्कूल कन्हरी रोड के क्लास नर्सरी में 15, नमन विद्या स्कूल के क्लास नर्सरी में सात, रोजबड स्कूल दीपुगढ़ा के क्लास एलकेजी में सात, चैंपियन बेसिक अकेडमी इचाक प्रखंड के क्लास वन में 20, एंजेल हाइस्कूल सिरसी कटकमदाग के क्लास यूकेजी में 13, दिल्ली पब्लिक स्कूल कटकमदाग के क्लास एलकेजी में 10 तथा संत अगस्टिन हाई स्कूल कंचनपुर छड़वा कटकमसांडी प्रखंड के क्लास वन में 10 बच्चों का नामांकन होना है.
पांच सौ फार्म जमा लिये गये
नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये गये हैं. मार्च महीने में पांच सौ से अधिक फार्म जमा लिये गये हैं. संबंधित शिक्षा अधिकारियों की एक टीम बनी है. नियम संगत ऑनलाइन आवेदन फार्म की जांच टीम में शामिल अधिकारियों के जिम्मे है. फाइनल सूची पर उपायुक्त की सहमति लेनी अनिवार्य है. जारी सूची के आधार पर निजी विद्यालय बीपीएल बच्चों का नामांकन लेंगे.
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