दिव्यांग बच्चों को समय पर मिलेगा सरकारी लाभ
दिव्यांग बच्चों की पहचान हो जाने से बच्चों को कई तरह की सुविधाएं समय पर और सही तरीके से मिल सकेगी. सरकार की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ भी बच्चे समय पर उठा सकेंगे. अभी दिव्यांग बच्चों को सरकारी लाभ लेने में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. देश स्तर पर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय स्तर पर बच्चों में दिव्यांगता की सरल एवं सही तरीके से पहचान करने को लेकर एनसीईआरटी ने पहल शुरू की है.
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शिक्षक करेंगे स्क्रीनिंग कार्य
शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में अध्यनरत बच्चों का स्क्रीनिंग करेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक शशि रंजन के निर्देश बाद हजारीबाग जिले में एक प्रखंड से 30 और सभी 16 प्रखंडों से कुल 480 शिक्षक एवं शिक्षा कर्मी (जैसे बीआरपी-सीआरपी रिसोर्स टीचर एवं अन्य शिक्षा कर्मी) को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण मिला है.
31 अक्तूबर तक स्क्रीनिंग पूरा करने का लक्ष्य
जिला से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर जुलाई महीने के अंत तक बाकी शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे. प्रशिक्षण के बाद शिक्षक एवं अपने-अपने मोबाइल में प्रशस्त एप विकसित कर बच्चों का स्क्रीनिंग शुरू करेंगे. 31 अक्टूबर 2025 तक सभी 2230 स्कूलों में अध्यनरत चार लाख से अधिक विद्यार्थियों का स्क्रीनिंग कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बता दें कि 2230 में 1485 सरकारी स्कूल शेष निजी स्कूल शामिल हैं.
सभी बच्चों के लिए एक पहचान पत्र
जिले के डीएसई सह झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आकाश कुमार ने बताया एनसीईआरटी ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. स्क्रीनिंग के बाद सभी बच्चों का डेटा बनेगा. डेटा यू डाइस में देश स्तर पर दिखेगा. यह सभी बच्चों के लिए एक तरह का पहचान पत्र है. इससे बच्चों का सही-सही आंकड़ा देश स्तर पर एक जगह मौजूद रहेगा. जरूरतमंद बच्चे दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 का लाभ बच्चे उठा सकेंगे.